कोलकाता. राज्य चुनाव आयोग की ओर से विधाननगर नगर निगम के चार वार्डों के करीब नौ बूथों पर पुनर्मतदान कराये जाने की घोषणा के बाद से ही वामपंथी खेमे में खासी नाराजगी है. केवल नौ नहीं बल्कि सभी बूथों पर पुनर्मतदान कराये जाने की मांग पर माकपा नेता गौतम देव व असीम दासगुप्ता के नेतृत्व में विधाननगर नगर निगम चुनाव के वामपंथी उम्मीदवारों का दल राज्य चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचा.
वहां वामपंथी नेताओं ने राज्य चुनाव आयोग के अस्थायी आयुक्त अलापन बंद्योपाध्याय से बातचीत की. कथित तौर पर विधाननगर में सभी बूथों पर पुनर्मतदान कराने की मांग ठुकराये जाने के बाद वामपंथी नेताओं ने कहा कि वे विधाननगर नगर निगम के नौ बूथों पर होने वाले पुनर्मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे.
माकपा नेता गौतम देव ने आरोप लगाया कि विगत तीन अक्तूबर को विधाननगर के केवल नौ बूथों में ही नहीं बल्कि प्राय: हर बूथों पर हिंसा व गड़बड़ी की घटनाएं देखने को मिली थीं. वामपंथी पोलिंग एजेंटों को जबरन बाहर निकाला गया, मतदाताओं को धमकी दी गयी, मीडिया कर्मियों पर हमले हुए, हर जगह जैसे वोटों की लूट हुई.
आरोप के मुताबिक इस क्रम में आयोग अधिकारी व पुलिस-प्रशासन महज मूकदर्शक की भूमिका अदा करता हुआ ही दिखा. नौ बूथों पर होने वाले पुनर्मतदान को यदि वहां की जनता ही खारिज कर दे तो क्या राज्य चुनाव आयोग की गरिमा धूमिल नहीं होगी? वहां की जनता क्षुब्ध है. वामपंथी पुनर्मतदान के लिए कोई पोलिंग एजेंट नहीं देंगेऔर न ही चुनाव की किसी प्रक्रिया में शामिल होंगे. असीम दासगुप्ता ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. सत्तारूढ़ दल के हित की नहीं सोच आम लोगों के अधिकार की बात पर ध्यान देना जरूरी है.