कोलकाता: मानिकतला स्थित एक सरकारी ब्लड बैंक पर मरीज के एक परिजन ने लापरवाही का आरोप लगाया गया है. मरीज के परिजन ने बैंक पर एक्सपायर हो चुके रक्त देने का आरोप लगाया है.
जानकारी के अनुसार अम्हस्र्ट स्ट्रीट के रहनेवाले कैंसर पीड़ित विभीषण प्रसाद (65) को मानिकतला स्थित एक निजी नर्सिग होम में गत सोमवार को भरती करवाया गया था. भरती करवाने के बाद चिकित्सकों ने मरीज के बेटे कृष्णा प्रसाद को बाहर से ब्लड लाने को कहा. कृष्णा ब्लड लेने के लिए मानिकतला स्थित सेंट्रल ब्लड बैंक पहुंचा. ब्लड बैंक से रक्त लेने के बाद जब वह अस्पताल पहुंचा, तो उसे पता चला की बैंक से लिया गया खून एक्सपायर हो चुका है. इसके बाद जब वह उक्त ब्लड बैंक पहुंचा, तो वहां के कर्मियों ने समय-सीमा समाप्त हो चुके रक्त को लौटाने के बजाय उलटे मरीज के परिजन पर आरोप थोप दिया. कर्मियों ने एक्सपायर चुके रक्त को वापस लेने से इनकार कर दिया.
कृष्णा ने बताया कि उनके पिता कैंसर से पीड़ित हैं. उनके इलाज के लिए नर्सिग होम में भरती करवाने के बाद चिकित्सकों ने बताया कि उनके पिता को खून चढ़ाया जायेगा. इसके लिए उसे बाहर से ब्लड लाने को कहा. इसके बाद वह रक्त लेने के लिए उक्त ब्लड बैंक पहुंचा. कृष्णा ने बताया कि उसे उसके पिता के लिए दो यूनिट ए पॉजिटिव रक्त चाहिए था. उसे उक्त ब्लड बैंक से रक्त, तो मिला लेकिन उसके लेवल पर संग्रह करने की तिथि चार अक्तूबर 2011 थी, जबकि उसके समाप्ति की तारीख आठ नवंबर 2013 लिखी हुई थी. उसने इन दोनों तारीखों के नजर अंदाज कर रक्त को लेकर अस्पताल पहुंचा.
इसके बाद रक्त को चढ़ाने के लिए उसने इसे चिकित्सकों को दिया. इसके बाद मंगलवार को सुबह उसे उक्त नर्सिग होम से फोन कर उसे बुलाया गया. जहां उसे इस गड़बड़ी के बारे में बताया गया. चिकित्सकों के अनुसार रक्त के संग्रह करने के बाद 35 दिन के भीतर ही इसे उपयोग करना पड़ता है. फिर कै से इतने पुराने रक्त को मरीज के परिजन को सौंपा गया. गनीमत थी की मरीज को वह खून नहीं चढ़ायी गयी, जिससे मरीज को किसी तरह की शारीरिक समस्या नहीं हुई.