इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में भूटिया संप्रदाय के अलावा 13 अनुसूचित जनजाति संप्रदाय की ओर से बोर्ड गठन की मांग की जा रही है, लेकिन अब भूटिया विकास बोर्ड को छोड़ कर कोई दूसरा बोर्ड गठित नहीं होगा. उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग को सपनों का शहर बनाने के लिए राज्य सरकार जीटीए के साथ मिलकर क्लीन एंड ग्रीन दार्जिलिंग परियोजना की शुरूआत की है. शौचालय निर्माण, वन सृजन, झोरो की मरम्मत, प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था समेत विभिन्न परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हंै. झोरों की मरम्मत के साथ ही पर्यटन के विकास एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए 17 करोड़ रुपये जीटीए को प्रदान किया गया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री के क्लीन एंड ग्रीन दार्जिलिंग परियोजना की सराहना की. मंच पर उपस्थित मंत्रियों मंे अरुप विश्वास, गौतम देव, जीटीए के सभासद रोशन गििर आदि उपस्थित थे. यहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रिचमंड हिल चली गयीं. वहां रोशन गििर के नेतृत्व में जीटीए प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात की. कल मुख्यमंत्री राज्य आदिवासी विकास सलाहकार परिषद की बैठक मंे शामिल होंगी. 27 अगस्त को सिलीगुड़ी होकर कोलकाता लौट जायेंगी.