कोलकाता. राज्य के स्कूलों में विकलांग विद्यार्थियों के लिए सरकार ने क्या विशेष व्यवस्था की है यह उसे बताना होगा. सरकार को हलफनामे की सूरत में इसकी जानकारी कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के भीतर यह हलफनामा दायर करने के लिए कहा है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में दिल्ली हाइकोर्ट ने विकलांगों के लिए स्कूलों में विशेष शिक्षक नियुक्त करने का निर्देश दिया था. इसके बाद रिहैबिलिटेशन सेंटर ऑफ इंडिया ने सभी 29 राज्यों को इस फैसले को लागू करने के लिए चिट्ठी दी थी. बंगाल के स्कूलों में कुछ नहीं किये जाने का आरोप लगाते हुए वर्ष 2012 में कलकत्ता हाइकोर्ट में मामला किया गया था. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि राज्य के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के विषय को देखने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था. लेकिन उस कमेटी ने सही तरीके से काम नहीं किया. उसके काम को देखने के लिए एक और कमेटी का गठन किया गया है. इसपर अदालत ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि आखिर लगतार कमेटियां बना कर क्या होगा. याचिकाकर्ता के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य के स्कूलों में इस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया है. सरकार को दो हफ्ते के भीतर अब तक इस दिशा में उठाये गये कदमों की बाबत हलफनामा देने का निर्देश दिया गया है.
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विकलांग विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में विशेष व्यवस्था पर सरकार का हलफनामा
कोलकाता. राज्य के स्कूलों में विकलांग विद्यार्थियों के लिए सरकार ने क्या विशेष व्यवस्था की है यह उसे बताना होगा. सरकार को हलफनामे की सूरत में इसकी जानकारी कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के भीतर यह हलफनामा दायर करने के लिए […]
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