अंतिम समय में परीक्षा रद्द होने से परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया. तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रश्नपत्र लीक होने के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. वहीं, सोमवार को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है. दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच सीआइडी से कराने का निर्देश दिया है. अगली परीक्षा पांच जुलाई को वर्तमान एडमिट कार्ड से उसी केंद्र पर परीक्षा होगी, जहां के लिए परीक्षार्थी ने आवेदन किया है. उधर, परीक्षा रद्द होने की सूचना पर सांतरागाछी के केदारनाथ इंस्टीटय़ूशन केंद्र में परीक्षार्थियों ने जमकर नारेबाजी की.
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प्रश्नपत्र लीक होने के चलते आइटीआइ प्रवेश परीक्षा रद्द
कोलकाता. प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रविवार को आइटीआइ की प्रवेश परीक्षा रद्द कर दी गयी. यह परीक्षा अंतिम समय में रद्द की गयी. एक लाख 33 हजार छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था. दोपहर बारह बजे से परीक्षा होनी थी, लेकिन परीक्षार्थी जब परीक्षा केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें टेस्ट रद्द होने […]
कोलकाता. प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रविवार को आइटीआइ की प्रवेश परीक्षा रद्द कर दी गयी. यह परीक्षा अंतिम समय में रद्द की गयी. एक लाख 33 हजार छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था. दोपहर बारह बजे से परीक्षा होनी थी, लेकिन परीक्षार्थी जब परीक्षा केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें टेस्ट रद्द होने की जानकारी मिली.
व हंगामा करना शुरू कर दिया. हालांकि, बाद में मौके पर पहुंच, पुलिस के समझाने पर कि परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की खबरें बाहर आने के बाद राज्य सरकार ने उक्त निर्णय लिया है, इसके बाद हंगामा शांत हुआ.
तकनीकी शिक्षा मंत्री का कहना है
राज्य के तकनीकी शिक्षा मामलों के मंत्री उज्जवल विश्वास ने बताया कि रविवार को आइटीआइ प्रवेश परीक्षा प्रस्तावित थी, लेकिन सुबह एक बांग्ला समाचार पत्र में प्रश्न पत्र लीक होने की खबर प्रकाशित हुई थी. उसके बाद विभागीय सचिव व निदेशक के साथ बातचीत के बाद परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया. इसकी जानकारी छात्रों को एसएमएस के माध्यम से दे दी गयी थी. उन्होंने कहा कि किसी भी परीक्षा के लिए चार प्रश्न पत्रों के सेट बनाये जाते हैं तथा रैंडम आधार पर प्रश्नपत्रों का चयन किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसमें कहां गड़बड़ी हुई है, इस मामले को देखने के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष लगभग 80 हजार छात्रों ने परीक्षा दी थी. कुछ लोग जानबूझ कर अराजकता पैदा करना चाहते हैं. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि प्रेस में प्रश्नपत्र छपने के बाद विशेष अधिकारियों की निगरानी में प्रश्नपत्र पुलिस स्टेशन जाता है. वहां से परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में प्रश्नपत्र कहां लीक हुआ, यह देखना होगा.
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