मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शाम करीब चार बजे मदर हाउस में प्रस्तावित अंतिम संस्कार में शामिल हुईं. काफी लोग मोबाइल से तस्वीर खींचते हुए देखे गये. काफी तादाद में लोग प्रार्थना सभा में शामिल हुए. सिस्टर निर्मला का पार्थिव शरीर मंगलवार रात सेंट जॉन्स चर्च में रखा गया था. विभिन्न गिरजाघरों के पादरी व नन एवं मिशनरीज ऑफ चैरिटी के देश व विदेश के प्रतिनिधि सिस्टर निर्मला के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुंचे थे.
अंतिम संस्कार के लिए जब सिस्टर निर्मला का पार्थिव शरीर मदर हाउस से सेंट जॉन्स चर्च ले जाया गया तो इस आखिरी सफर में भी भारी संख्या में लोग शामिल हुए. नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के निधन के बाद सिस्टर निर्मला मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रमुख बनी थीं. मदर हाउस में अंतिम संस्कार की प्रार्थना के बाद उनका पार्थिव शरीर सेंट जॉन्स गिरजाघर की कब्रगाह में ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.
सिस्टर निर्मला हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित थीं और मई में उनकी हालत काफी खराब हो गयी थी. मदर टेरेसा के निधन के छह महीने पहले 13 मार्च 1997 को सिस्टर निर्मला को मिसनरीज ऑफ चैरिटी का सुपीरियर जनरल चुना गया था. महानगर में अप्रैल 2009 में हुई जनरल चैप्टर की बैठक में सिस्टर निर्मला के बाद सिस्टर मैरी प्रेमा को सुपीरियर जनरल बनाने का फैसला हुआ था. सिस्टर निर्मला, मदर टेरेसा के बेहद करीब थीं, उनके काम से प्रभावित होकर ही उन्होंने हिंदू धर्म छोड़ कर ईसाई धर्म स्वीकार किया था.