कोलकाता. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने उच्चत्तम न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के समक्ष उनके राज्य के क्रिकेटरों की खराब स्थिति को रखा जो बीसीसीआइ से मान्यता नहीं मिलने के कारण प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेल पा रहे हैं. श्री वर्मा ने बताया कि मैंने समिति के सामने बेहद मजबूती से बिहार को मान्यता देने का मुद्दा उठाया है. मान्यता नहीं होने के कारण वर्ष 2003 से बिहार के क्रिकेटर प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेल पा रहे हैं, क्योंकि झारखंड ने धोखे से बीसीए के नाम पर पूर्ण सदस्यता ले ली, जिसमें बिहार के क्षेत्र का संचालन भी शामिल था. बिहार उन नौ राज्यों में है, जिसे यह मौका नहीं मिल रहा है. इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं वर्तमान में बीसीसीआइ सलाहकार समिति के सदस्य सौरभ गांगुली और बीसीसीआइ अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के साथ पूर्वी क्षेत्र के अन्य प्रतिनिधियों को समिति ने बुलाया था. माना जा रहा है कि आइपीएल में भ्रष्टाचार की जांच कर रहे न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल समिति के एक सदस्य और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के संयुक्त सचिव गांगुली को बीसीसीआइ को चलाने के तरीके पर उनकी राय रखने के लिए बुलाया गया था. न्यायमूर्ति राजंेद्र मल लोढ़ा इस समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसमें पूर्व न्यायमूर्ति अशोक भान और आरवी रवींद्रन शामिल हैं.
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आदित्य वर्मा ने लोढ़ा कमेटी के सामने उठाया मान्यता का मुद्दा
कोलकाता. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने उच्चत्तम न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के समक्ष उनके राज्य के क्रिकेटरों की खराब स्थिति को रखा जो बीसीसीआइ से मान्यता नहीं मिलने के कारण प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेल पा रहे हैं. श्री वर्मा ने बताया कि मैंने समिति के सामने बेहद मजबूती […]
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