इंजीनियरिंग में अखिल भारतीय परीक्षा के माध्यम से दाखिला जूट एवं फाइबर टेक्नोलॉजी का नया पाठ्यक्रम शामिल साइंस ग्रेजुएट के स्थान पर उच्च माध्यमिक के छात्रों को अवसरकोलकाता. कलकत्ता विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग ने बी.टेक पाठ्यक्रमों को चार वर्ष का करने का फैसला लिया है. इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास ने दी. उल्लेखनीय है कि 158 साल पुराने इस विश्वविद्यालय में पहले विज्ञान से स्नातक छात्रों को उनके अंकों के आधार पर इंजीनियरिंग मंे प्रवेश मिल जाता था. अब नये नियम के मुताबिक इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री के लिए छात्रों का चयन अखिल भारतीय स्तर की जेईई परीक्षा के माध्यम से किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि कलकत्ता विश्वविद्यालय मेें इस समय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन, इंस्ट्रूमेंटल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, ऑपटिक्स एंड आप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल टेक्नोलॉजी, पॉलीमर साइंस के साथ इस वर्ष से 4 वर्षीय पाठयक्रम के अंतर्गत जूट एंड फाइबर टेक्नोलॉजी को भी शामिल किया गया है. जूट एंड फाइबर टेक्नोलॉजी विभाग में 64 सीटें हैं. अतिरिक्त जानकारी देते हुए टेक्नोलॉजी विभाग के डीन प्रोफेसर निखिल रंजन दास ने बताया कि इस नये पाठ्यक्रम का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को अधिक से अधिक आकर्षित करना है. जबकि पुराने पाठयक्रम के अंतर्गत नामित छात्रों के लिए पुरानी सुविधा ही कार्यकारी होगी.
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सीयू में अब चार वर्षीय डिग्री कोर्स प्रारंभ
इंजीनियरिंग में अखिल भारतीय परीक्षा के माध्यम से दाखिला जूट एवं फाइबर टेक्नोलॉजी का नया पाठ्यक्रम शामिल साइंस ग्रेजुएट के स्थान पर उच्च माध्यमिक के छात्रों को अवसरकोलकाता. कलकत्ता विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग ने बी.टेक पाठ्यक्रमों को चार वर्ष का करने का फैसला लिया है. इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास ने दी. उल्लेखनीय […]
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