कोलकाता: राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित सहकारिता बैंकों के विकास के लिए तृणमूल सरकार ने नये मंत्री समूह का गठन किया है, जो इन बैंकों की आर्थिक व्यवस्था पर नजर रखेगा. इनकी समस्याओं का समाधान करेगा. गौरतलब है कि राज्य सरकार के अंतर्गत सहकारिता बैंकों के कार्यकलापों पर हमेशा ही सवालिया निशान लगते आये हैं. कई बार इन बैंकों में धोखाधड़ी व धांधली के मामले सामने आये हैं. इस वजह से इन बैंकों का विकास नहीं हो पाया है. सहकारिता बैंकों से अधिक से अधिक आमलोगों को जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है.
क्या करेगा यह समूह
सहकारिता बैंकों की आर्थिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इस मंत्री समूह का गठन किया गया है. सहकारिता बैंकों के विकास के लिए यह समूह सुझाव भी देखा. साथ ही इनकी गतिविधियों पर भी नजर रखेगा. बैंक द्वारा दिये गये लोन की अदायगी पर भी यह समूह नजर रखेगा. इन बैंकों में अगर किसी प्रकार की धांधली होती है, तो इसकी जांच भी यह समूह करेगा और इस संबंध में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास जमा करेगा. मंत्री समूह की रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्यमंत्री कोई फैसला लेंगी.
अधिक से अधिक ऋण देने का लक्ष्य
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों व सेल्फ हेल्प ग्रुप के विकास के लिए राज्य सरकार ने अधिक से अधिक लोगों को ऋण देने की योजना बनायी है. वर्ष 2011-12 में बैंक द्वारा 1400 करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिये गये थे, वहीं 2012-13 में करीब 2000 करोड़ रुपये लोन के रूप में दिये गये थे. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार ने इन बैंकों के माध्यम से 2600 करोड़ रुपये ऋण मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है.