कोलकाता: कामदुनी में कॉलेज छात्र के साथ दुष्कर्म व उसकी हत्या किये जाने की मामले की सुनवाई को बारासात अदालत से स्थानांतरित कर उसे विचार भवन, नगर दायरा अदालत के दो नंबर न्यायाधीश के कक्ष में भेजा गया है. कलकत्ता हाइकोर्ट के जज असीम राय ने यह फैसला सुनाया है.
अपने फैसले में अदालत का यह भी कहना था कि सुनवाई 23 अगस्त से शुरू की जानी चाहिए. इसके सात दिनों के भीतर चार्ज का गठन और उसके सात दिनों के भीतर लगातार सुनवाई शुरू होनी चाहिए. दो महीने में सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए. अगले दो दिनों के भीतर मामले से जुड़े कागजातों को बारासात अदालत से नगर दायरा अदालत में भेजे जाने का निर्देश भी दिया गया है. अदालत ने गवाहों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार को उठाने के लिए कहा है. फैसले को स्थानांतरित करने के संबंध में अदालत का कहना था कि बारासात में अभियुक्त सुरक्षा का अभाव महसूस कर रहे थे. संविधान के मुताबिक सभी को न्याय पाने का समान अधिकार है. बारासात अदालत में अभियुक्तों को वकील भी नहीं मिल रहा था.
यदि नगर दायरा अदालत में भी अभियुक्तों को वकील नहीं मिलता तो राज्य सरकार की ओर से वकील मुहैया कराने का निर्देश भी दिया गया है. हालांकि उक्त वकील के पास फौजदारी मामले में 15 वर्ष का अनुभव होना चाहिए. पीड़ित छात्र के भाई के वकील का कहना था कि अदालत के फैसले को वह स्वीकार कर रहे हैं लेकिन उच्च अदालत में फैसले के खिलाफ वह अपील कर सकते हैं. इस संबंध में वह पीड़िता के परिजनों व सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से भी विचार-विमर्श करेंगे.
सात जून को बारासात के कामदुनी में रहनेवाली व डेरोजियो कॉलेज में पढ़नेवाली छात्र को अगवा कर उसके साथ इलाके में ही दुष्कर्म किया गया था. बाद में उसका शव पाया गया था. इस मामले में पुलिस ने अंसार अली, सैफुल अली, नूर अली, भुट्टो मोल्ला, इनामुल मोल्ला, अमीन अली, गोपाल नस्कर व भोला नस्कर को गिरफ्तार किया है. मामले में एक और अभियुक्त रफीकुल गाजी फरार है.