कोलकाता: बेरोजगारों को रेलवे में नौकरी देने का प्रलोभन देकर उनसे लाखों रुपये ऐंठनेवाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. घटना की शिकायत के बाद जांच के आधार पर पुलिस ने हरियाणा से गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम विकास मल्लिक है. वह हरियाणा के जिंद का रहनेवाला है. ठगे जाने का आभास होने के बाद हेयर स्ट्रीट थाने में गत 17 जून को रणवीर सिंह नामक एक युवक ने उसके खिलाफ इसकी शिकायत दर्ज करायी थी.
हाल ही में इसी तरह की ठगी के एक मामले में हरियाणा पुलिस से उसे गिरफ्तार करने की जानकारी मिली. इधर, इस घटना की जानकारी के बाद कोलकाता पुलिस के धोखाधड़ी विभाग की टीम ने हरियाणा जाकर वहां की पुलिस से विकास को अपने कब्जे में ले लिया. महानगर लाकर उससे पूछताछ कर यहां तैनात उसके एक अन्य साथी वीरेंद्र सिंह को जगत सिनेमा के पास से गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से पुलिस को सात फरजी पहचान पत्र और एक टिकट कलेक्टर का काला कोर्ट मिला है.
कैसे करते थे ठगी
पीड़ित रणवीर ने पुलिस को बताया कि हरियाणा में उसकी मुलाकात विकास से हुई थी. उसने 5.5 लाख रुपये देने पर रेलवे में स्टेशन पर टिकट कलेक्टर की नौकरी देने की बात कही. शुरुआत में कुछ रकम देने पर उसकी लिखित परीक्षा ली गयी. इसके बाद कुछ और रकम देने पर कोलकाता लाकर उसकी मेडिकल परीक्षा भी करायी गयी. इसके बाद पूरे रकम लेकर उत्तर 24 परगना के नैहाटी और सियालदह के रेलवे क्वार्टर में उसकी ट्रेनिंग भी करायी गयी.
फरजी नियुक्ति पत्र देकर करायी नौकरी
रणवीर ने पुलिस को बताया कि कोलकाता में ट्रेनिंग लेने के बाद हेयर स्ट्रीट थानांतर्गत फेयरली प्लेस से पूर्व रेलवे की तरफ से जारी किया गया उसे एक नियुक्ति पत्र मिला, जिसमें उसकी तैनाती सियालदह स्टेशन में की गयी थी. सियालदह स्टेशन पर एक महीने काम करने के बाद वेतन के तौर पर उसके अकाउंट में 10 हजार रुपये भी आये.
एक महीने बाद उसकी पोस्टिंग राणाघाट में हुई. वहां जाकर भी उसने ड्यूटी की, जिसका तनख्वाह भी उसे मिला. इसके बाद से उसे कोई तनख्वाह नहीं मिल रहा था. इसके बाद उनलोगों से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन वे फरार हो गये. इसके बाद इसकी शिकायत हेयर स्ट्रीट थाने में दर्ज करायी गयी. वहीं, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.