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आयोग से लगायेगी गुहार

बढ़ी तल्खी : कांग्रेस अप्रैल में नगरपालिका चुनाव कराने के फैसले के खिलाफ कोलकाता : नगरपालिका चुनाव के मुद्दे पर सरकार व विपक्ष में ठन चुकी है. नगरपालिका चुनाव को अप्रैल तक खींच कर ले जाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ सभी विपक्षी दल एक हो गये हैं. कांग्रेस ने सरकार के इस […]

बढ़ी तल्खी : कांग्रेस अप्रैल में नगरपालिका चुनाव कराने के फैसले के खिलाफ
कोलकाता : नगरपालिका चुनाव के मुद्दे पर सरकार व विपक्ष में ठन चुकी है. नगरपालिका चुनाव को अप्रैल तक खींच कर ले जाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ सभी विपक्षी दल एक हो गये हैं. कांग्रेस ने सरकार के इस फैसल को संविधान विरोधी बताते हुए चुनाव आयोग से गुहार लगाने का एलान किया है.
वहीं, वाम मोरचा भी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटानेवाला है. दोनों ने ही सरकार के इस फैसले को संविधान का उल्लंघन बताया है. सोमवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस व वाम मोरचा के प्रतिनिधि चुनाव आयोग से भेंट करेंगे.
यह तो पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि नगरपालिका चुनाव 31 जनवरी को नहीं हो रहे हैं. राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को बताया है कि अप्रैल से पहले वह किसी भी हाल में चुनाव नहीं करवा पायेगी. विपक्ष का आरोप है कि सरकार का यह फैसला संविधान व नगरपालिका के कानून के खिलाफ है. कांग्रेस नेता अरुणाभ घोष का कहना है कि संविधान की धारा 243 इ व 243 यू में स्पष्ट लिखा हुआ है कि चुनाव की मियाद पूरी हो जाने के बाद जिन नगरपालिकाओं में प्रशासक नियुक्त किये गये हैं, उन नगरपालिकाओं में प्रशासक की नियुक्ति के छह महीने के अंदर चुनाव करवाना होगा.
इस बीच 17 नगरपालिकाओं में से ज्यादातर में प्रशासक की नियुक्ति हो चुकी है. प्रशासक की नियुक्ति के छह महीने भी गुजर गये हैं, फिर चुनाव क्यों नहीं हो. ऐसा करके सरकार कानून का उल्लंघन कर रही है, जिसे सहन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा : हम सोमवार को चुनाव आयोग से भेंट कर इस मुद्दे को रखेंगे. उधर, वाम मोरचा का कहना है जिन नगरपालिकाओं पर वाम मोरचा का कब्जा है, वहां अभी तक प्रशासक की नियुक्ति नहीं की गयी है.
आयोग अधिकारियों से मिलेगा वाम प्रतिनिधिमंडल
कोलकाता. राज्य में नगर निकाय चुनाव कराये जाने को लेकर तृणमूल सरकार के रवैये के खिलाफ वाममोरचा का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलेगा. सूत्रों के अनुसार संभवत: सोमवार को वामो प्रतिनिधिमंडल आयोग अधिकारियों से मिलेंगे. राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु का कहना है कि नगर निकाय चुनाव अप्रैल में कराये जाने का फैसला अनुचित है. तृणमूल सरकार संविधान व चुनाव संबंधी नियमों का उल्लंघन कर रही है.
आज वार्डो की ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने की उम्मीद
कोलकाता. इस वर्ष कोलकाता नगर निगम का चुनाव होनेवाला है. राज्य में भाजपा के उत्थान के कारण इस चुनाव की अहमियत काफी बढ़ गयी है. सत्तारूढ़ तृणमूल व भाजपा दोनों के लिए यह चुनाव सत्ता के सेमीफाइनल के समान है, इसलिए सभी की नजरें काफी पहले से निगम चुनाव पर टिकी हुई हैं. सबसे अधिक इंतजार तो उन्हें है, जो अपनी-अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट हासिल करने के वास्ते हिसाब-किताब लगाये बैठे हैं. उनके लिए सोमवार का दिन बेहद खास हो सकता है. राज्य चुनाव आयोग ने कोलकाता नगर निगम के 144 वार्डो के लिए एक ड्राफ्ट लिस्ट तैयार की है. इसे सोमवार को जारी किया जा सकता है. इस लिस्ट को राज्य सरकार को भेजा जायेगा. इसके बाद इस फैसले पर आपत्ति जताने के लिए 21 दिन का समय दिया जाता है.
अगर किसी ने कोई आपत्ति नहीं की, तो इस लिस्ट को ही फाइनल मान लिया जाता है. फरवरी में निगम चुनाव का नोटिफिकेश्न जारी होने की भी संभावना है. चुनाव में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए व सात प्रतिशत सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. महिला सीट के लिए एक फामरूला होता है, उसी के अनुसार ही वार्डो की तालिका तैयार की जाती है. सूत्रों के अनुसार इस बार 2,5,8 के हिसाब से महिलाओं के लिए सीट रिजर्व की गयी है. अर्थात प्रत्येक दो सीट के बाद तीसरी सीट महिला सीट होगी.
इनमें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट भी हैं. चुनाव आयोग की तालिका का सभी को बेसब्री से इंतजार है. विशेष रुप से वर्तमान पार्षदों के अंदर काफी खलबली मची हुई है, सभी यह जानने के लिए बेकरार हैं कि उनकी सीट बचती है या महिला आरक्षण के कोटे में चली गयी है. इस बार कुछ हेवीवेट पार्षदों की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होने की संभावना दिखायी दे रही है.

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