कोलकाता: महानगर को खूबसूरत बनाने के लिए शुरू किया गया सौंदर्यीकरण अभियान लगभग ठप पड़ गया है. इसके लिए गठित कमेटी की बैठक हुए पांच महीने हो चुके हैं. शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव देवाशीष सेन के नेतृत्व में गठित इस कमेटी में कोलकाता नगर निगम, केएमडीए, सिंचाई व जलमार्ग विभाग, मत्स्य विभाग एवं कोलकाता पुलिस के कुछ आला अधिकारी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर गठित इस उच्च स्तरीय कमेटी की शुरुआती दो बैठकों में शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम व मेयर शोभन चटर्जी शामिल हुए थे.
नाम न छापने की शर्त पर कमेटी में शामिल राज्य सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कमेटी के सदस्य रुचि खोते जा रहे हैं, क्योंकि सौंदर्यीकरण से संबंधित किसी भी फैसले के लिए मुख्यमंत्री की सहमति जरूरी है. रेलिंग व पुलों को नीले व सफेद रंग में रंगने, हेरिटेज जोन से होर्डिग हटाने और ग्रीन कॉरिडोर का प्रस्ताव जैसे सभी फैसले मुख्यमंत्री के निर्देश पर लिये गये थे.
अधिकारियों का कहना है कि सौंदर्यीकरण अभियान के लिए उचित योजना अति आवश्यक है. पर दुर्भाग्य से सभी फैसले अनौपचारिक तरीके से लिये गये. कई बार अनुरोध किये जाने के बावजूद न तो होर्डिग के साइज के बारे में कोई फैसला लिया गया और न ही यह निर्णय हुआ कि विज्ञापन के होर्डिग कहां लगाये जायेंगे. यातायात व्यवस्था को ठीक करने के लिए निगम ने शहर के विभिन्न हिस्सों में फुट ओवरब्रिज लगाने की इजाजत दी है, पर इस प्रस्ताव को कमेटी की बैठक में पेश नहीं किया गया. असंतुष्ट अधिकारियों का कहना है कि कोलकाता के सौंदर्यीकरण कार्यक्रम के लिए व्यापक योजना एवं विशेषज्ञों की जरूरत है.