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99 फीसदी स्कूलों में अलग टॉयलेट नहीं

कोलकाता: राइट टू एजुकेशन एक्ट, 2009 के तहत शिक्षा को मौलिक अधिकार मानते हुए नि:शुल्क व गुणवतापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की बात कही गयी थी, लेकिन तीन वर्षो के बाद भी देश व राज्य की शिक्षा की बदहाली दूर नहीं हुई है. कई स्कूलों के भवन असुरक्षितगैर सरकारी संगठन चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राइ) ने […]

कोलकाता: राइट टू एजुकेशन एक्ट, 2009 के तहत शिक्षा को मौलिक अधिकार मानते हुए नि:शुल्क व गुणवतापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की बात कही गयी थी, लेकिन तीन वर्षो के बाद भी देश व राज्य की शिक्षा की बदहाली दूर नहीं हुई है.

कई स्कूलों के भवन असुरक्षित
गैर सरकारी संगठन चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राइ) ने 13 राज्यों के 71 जिलों के स्कूलों पर एक स्टडी किया. इसमें पाया गया कि अब भी ऐसे कई स्कूल हैं, जिनकी बिल्डिंग असुरक्षित हैं. बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही पीने के पानी और टॉयलेट की.

स्कूल में कोई बाउंड्री वाल (दीवार) भी नहीं है और न ही कोई खेलने का मैदान. रिपोर्ट के अनुसार 60 फीसदी स्कूलों को घेरनेवाली दीवार नहीं है. वहीं, पूर्वी भारत के 17 फीसदी स्कूलों में टॉयलेट नहीं हैं. इतना ही नहीं, यहां के 99 फीसदी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से टॉयलेट तक नहीं हैं.

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