कोलकाता: पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से राज्य में शुरू हुआ राजनीतिक हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को आसनसोल में पूर्व माकपा विधायक दिलीप सरकार की हत्या के बाद सोमवार को भी पार्टी के एक कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया गया. बर्दवान जिले के गलसी थाने के धुरीग्राम पंचायत अंतर्गत केन्जाग्राम में माकपा कर्मी मदन सोरेन की नृशंस हत्या कर दी गयी. प्रत्याशी सहित चार कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सभी को बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है. इन घटनाओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता बढ़ा दी है.
राजनीतिक हिंसा के लिए सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाये जा रहे हैं. इससे पार्टी की छवि बिगड़ रही है. राजनीतिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं से चिंतित मुख्यंत्री ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की है. मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि इन घटनाओं में तृणमूल समर्थकों का नाम सामने आने से आगामी पंचायत व अगले वर्ष होनेवाले लोकसभा चुनाव पर असर पड़ सकता है. लिहाजा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस को अपनी तसवीर साफ सुथरी बनानी होगी.
पार्टी का रंग देखे बगैर पुलिस करे कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने राज्य व कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी नसीहत दी है. उन्होंने पार्टी का रंग देखे बिना कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, ‘राज्य में हिंसा फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा.’ पिछले शुक्रवार को बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गयी. इस घटना को कवर करने गये पत्रकारों को भी पीटा गया था. अभी भी दो पत्रकारों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि ऐसी घटनाओं से मुख्यमंत्री चिंतित हैं. कुछ गलत लोगों की वजह से पूरी पार्टी बदनाम हो रही है. इसलिए मुख्यमंत्री ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बुला कर बैठक की और दागी नेताओं को दल से बाहर निकालने का निर्देश दिया है.
पार्टी नेता का नाम आने से होगी कार्रवाई
तृणमूल कांग्रेस सांसद मुकुल राय व उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को राजनीतिक हिंसा की घटनाओं की तफ्तीश करने को कहा गया है. अगर इसमें किसी पार्टी नेता का नाम सामने आता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ ही दल में भी कदम उठाया जायेगा. ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा. जीरो-टोलेरेंस पॉलिसी अपनाने का निर्देश दिया गया है.
क्या हुआ गलसी में
जिले के गलसी थाने के धुरीग्राम पंचायत अंतर्गत केन्जाग्राम में माकपा कर्मी मदन सोरेन की नृशंस हत्या कर दी गयी. पार्टी प्रत्याशी सहित चार कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हमलावरों के तृणमूल कांग्रेस से जुड़े होने की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. समूचे गांव में दहशत व्याप्त है. ग्रामीणों ने जांच के लिए पहुंची पुलिस का जम कर विरोध किया. ग्रामीणों ने बताया कि नामांकन पत्र वापस लेने के लिए सीपीएम प्रार्थी सुकुमार दलुई पर तृणमूल कर्मी दबाव बना रहे थे. नामांकन पत्र वापसी के अंतिम दिन सोमवार को वह अपने घर पर ही थे. इसकी जानकारी मिलने पर स्थानीय सशस्त्र तृणमूल कर्मियों ने घर पर हमला कर दिया. रड, लाठी, बम लेकर पहुंचे कर्मियों को देख पड़ोसी पार्टी कर्मी व समर्थक मदन सोरेन, काजल खां, कल्पना खां आदि बचाव करने पहुंचे. गुस्साए तृणमूल कर्मियों ने हथियारों से हमला कर दिया. गंभीर चोट लगने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां मदन सोरेन को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.