कोलकाता: पश्चिम बंगाल में छह सुधार गृहों में कैदियों के लिए चित्रकारी की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं. लगभग 12 दिन चलनेवाली इन कार्यशालाओं में कैदियों को शौक या पेशे के रूप में चित्रकारी को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
सुधारगृहों में कला शिविरों का आयोजन करनेवाले गैर सरकारी संगठन ‘फाइट टू हारमनी फाउंडेशन’ के संस्थापक चित्त दे ने बताया कि इस ‘आर्ट वर्कशॉप टूर’ का संचालन मूर्तिकारी व चित्रकारी सीख चुके अलीपुर केंद्रीय सुधारगृह के 16 कैदी करेंगे. कैदियों को चित्रकारी सिखानेवाले शिक्षकों में 11 पुरुष व पांच महिला कैदी हैं. इनमें से 10 कैदी ताउम्र कैद की सजा काट रहे हैं.
इनमें कैदी मोहम्मद राशिद खान भी शामिल है, जिसे जेल में उसकी चित्रकला कौशल के लिए बहुत तारीफ मिली है. सुधार प्रशासन मंत्री एचए सफवी ने कहा कि उन्होंने कैदियों को अपना मन बहलाने के लिए कला व चित्रकारी सीखने की ओर प्रेरित करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया है. अगर कोई कैदी अपनी सजा खत्म होने के बाद इसे पेशे के तौर पर अपनाना चाहता हैं तो यह और भी अच्छी बात होगी.
उनका कहना था कि कैदियों को तनाव व अवसाद से दूर रहने में मदद करने के लिए प्रयोग के तौर पर शुरू की गयीं यह कार्यशालाएं उम्र व लिंग से इतर कैदियों में बहुत लोकप्रिय हो रही हैं. इन कार्यशालाओं से कैदियों को दूसरे सुधार गृहों के कलाकार कैदियों के साथ अपने अनुभव साझा करने में मदद मिलेगी.