पैसा मांगने पर चिट फंड कंपनियां दिखा रहीं दुस्साहस
कोलकाता : राज्य के आम व गरीब लोगों को केवल सारधा ग्रुप ने ही नहीं लूटा है, बल्कि चिटफंड के नाम पर हुई इस लूट में 200 से अधिक कंपनियां शामिल हैं. हालांकि सामने केवल सारधा घोटाले का मामला ही आया है. अन्य चिट फंड कंपनियां या तो खामोशी के साथ अपना बोरिया बिस्तर लपेट कर नौ-दो-ग्यारह हो गयी हैं या फिर उन्होंने लोगों को लूटने का नया तरीका खोज निकाला है.
चिट फंड कंपनियों के इस काले संसार का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि अब तो रुपये वापस मांगने पर इनके गुर्गे जान से मारने की धमकी तक देने लगे हैं. पिछले दिनों ही एक एजेंट की मार से एक निवेशक बुरी तरह घायल हो गया था. सरकार के लाख आश्वासन के बावजूद स्थिति इतनी भयावह है कि आज भी निवेशक से लेकर एजेंट तक खुदकुशी कर रहे हैं.
सबसे बुरा हाल तो एजेंटों का है, जिन्हें दोहरी मार पड़ रही है. पैसे तो गये अब लोगों की गाली-गलौच सुनने को मिल रही है. सनग्लो एग्रोटेक लिमिटेड नामक एक चिट फंड कंपनी में एजेंट के रूप में काम करनेवाले 53 वर्षीय फजलुर्रहमान खान की हालत भी बेहद पतली है. वह इस चिट फंड कंपनी के साथ सितंबर 2012 से जुड़े थे. सितंबर 2013 में यह कंपनी गायब हो गयी. इस दौरान उन्होंने छोट-छोटे सैकड़ों निवेशकों से छह लाख 42 हजार रुपये उठा कर सनग्लो के मालिक आशीष सरकार के हवाले किया था. इस कंपनी के तार बंगाल से लेकर झारखंड तक फैले हुए हैं. दोनों ही राज्यों में लगभग 500 एजेंट पैसे उठाने का काम करते थे.
कंपनी के यूं तो कई दफ्तर हैं, पर आशीष सरकार टॉलीगंज स्थित कंपनी के मुख्यालय में बैठता था. वहां अब ताला लगा हुआ है. सारधा घोटाला प्रकाश में आने व स्वयं सनग्लो के दफ्तर पर ताला लग जाने के बाद जब इन एजेंटों ने पैसे की वापसी की मांग की तो इन्हें पैसे की जगह अलग-अलग तारीख दी गयी. थक हार कर एजेंटों ने पुलिस थानों में कंपनी और इसके के मालिक के खिलाफ मामला भी दायर किया.
लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय तक में गुहार लगायी. पर न तो पैसे ही वापस मिले और न ही पुलिस आज तक आशीष सरकार को गिरफ्तार कर पायी है. पुलिस व प्रशासन के इस रवैये के कारण ये एजेंट दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. कई बार यह लोग बेहला के जेम्स लांग सरणी स्थित आशिष सरकार के घर का भी चक्कर लगा चुके हैं. जहां उसकी पत्नी इन्हें यह कह कर भाग देती है कि उसका अपने पति से कोई लेना-देना नहीं है
श्री खान ने बताया कि इस बीच आशीष सरकार का एक गुर्गा हमें फोन पर धमकी देने लगा है. जब हम लोगों ने पैसे की वापसी के लिए अधिक दबाव बनाना शुरू किया, तो वह व्यक्ति हम सब एजेंटों को फोन कर जान से मारने की धमकी देने लगा है. वह पैसे देने के बहाने हमें बेहला के शाखेर बाजार बुलाता है, पर हम लोग भय से वहां नहीं जाते हैं. सब कुछ पता होने के बावजूद पुलिस द्वारा कुछ भी नहीं किये जाने के कारण हमें और डर लगने लगा है.