कोलकाता : दो सांसदों, 16.8 फीसदी वोट के हिस्से और लगभग 87 लाख लोगों के वोट पाकर राज्य में भाजपा अपने कदमों को मजबूत बनाने की पूरी तैयारी कर चुकी है. भाजपा के ऐसे 12 उम्मीदवार हैं, जिन्होंने जीत तो हासिल नहीं की, लेकिन दो लाख से अधिक वोट उन्होंने हासिल किया. आंकड़ों पर नजर डालें, तो भाजपा के उम्मीदवार तीन सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे और वाम मोरचा को तीसरे स्थान पर धकेल दिया. 10 ऐसे भी हैं, जिनका फासला काफी करीब था. सर्वाधिक करीब अलीपुरदुआर सीट रही. यहां वीरेंद्र बारा केवल 26 हजार 596 वोटों से हार गये.
करनी होगी कड़ी मेहनत : तथागत
भले ही प्रदेश भाजपा का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है, लेकिन भाजपा नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथागत राय का मानना है कि 2015 के नगरपालिका चुनाव व 2016 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा को और कड़ी मेहनत करनी होगी. सांगठनिक सीमाओं को फिर से परिभाषित करना होगा. नये लोगों को शामिल कर जिला नेताओं को तैयार करना होगा. पहली परीक्षा के तौर पर आसनसोल नगर निगम व कुलटी नगरपालिका का चुनाव होगा, जिसकी मियाद 28 जून को पूरी हो रही है. आसनसोल नगर निगम को देखें, तो बाबुल सुप्रियो की जीत की वजह से पार्टी 50 में से 46 वार्डो में आगे है.
इधर, प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा है कि कोलकाता नगर निगम के इलाके के चार भागों में बांट कर चार नेताओं को इसका दायित्व दिया जायेगा. पार्टी की मौजूदगी को सुदृढ़ करने के लिए उन्हें जिम्मेदारी दी जायेगी. कमेटी और वार्ड अधिकारियों को पार्टी तैयार करेगी. आम जनता के पास जाकर पार्टी की नीतियों की जानकारी दी जायेगी.