रिपोर्ट के अनुसार त्रिपुरा में वामो का काफी कम सीटें मिलने की उम्मीद
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त्रिपुरा : खुफिया विभाग की रिपोर्ट से भाजपा के हौसले बुलंद
रिपोर्ट के अनुसार त्रिपुरा में वामो का काफी कम सीटें मिलने की उम्मीद कोलकाता : त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में केंद्रीय खुफिया विभाग के दूसरे दौर की रिपोर्ट से भाजपा खेमे में जहां उत्साह का माहौल है, वहीं वामपंथी और तृणमूल कांग्रेस के खेमे में हताशा है. केंद्रीय खुफिया विभाग की जो जमीनी रिपोर्ट पहुंची है, […]
कोलकाता : त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में केंद्रीय खुफिया विभाग के दूसरे दौर की रिपोर्ट से भाजपा खेमे में जहां उत्साह का माहौल है, वहीं वामपंथी और तृणमूल कांग्रेस के खेमे में हताशा है.
केंद्रीय खुफिया विभाग की जो जमीनी रिपोर्ट पहुंची है, उसके मुताबिक वाममोर्चा के हाथ से त्रिपुरा निकल रहा है. अगर ऐसा होता है, तो वामपंथियों के लिए केरल ही आखिरी मुकाम होगा, जहां उसे अभी से ही भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है. दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अमित शाह का पिछला दौरा याद आ रहा है. उनके रडार पर बंगाल है. इसका वह सार्वजनिक एलान भी कर चुके हैं. फरवरी के अंतिम हफ्ते में वह बंगाल में डेरा डालेंगे. जाहिर-सी बात है कि वह बंगाल में रह कर संगठन को मजबूत करेंगे, ताे वहीं, त्रिपुरा में भी जीत दर्ज करने की रणनीति बनायेंगे.
खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपुरा में कुल 60 सीटों पर चुनाव हो रहा है. यहां फिलहाल माणिक सरकार के नेतृत्व में वामपंथियों की सरकार है. लेकिन दूसरे दौर की रिपोर्ट में कहा गया है कि माहौल बिल्कुल भाजपा के पक्ष में बनता दिख रहा है. भाजपा ने आदिवासियों के संगठन इनडिजेनस पीपुल्स फ्रंट आॅफ त्रिपुरा (आइपीएफटी) से गठजोड़ कर मजबूत स्थिति में आ गयी है. चुनाव होने पर नतीजों में 31 से लेकर 37 सीटें भाजपा गठबंधन को मिल सकती है. जबकि माकपा के नेतृत्ववाले वाममोर्चा को 23 से 29 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा. त्रिपुरा में कांग्रेस या अन्य दलों की जीतने की उम्मीद नहीं है. रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि ईमानदार छविवाले मुख्यमंत्री माणिक सरकार अपने विधानसभा केंद्र धानपुर से आसानी से जीतेंगे.
इस रिपोर्ट के बाद से ही अमित शाह ने बंगाल प्रवास का निर्णय लिया है, ताकि कोई नेता या कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास में नहीं आ जाये. त्रिपुरा चूंकि बंगाली मतदातों का गढ़ है, लिहाजा उनके निर्देश पर बंगाल के नेताओं को प्रचार में उतारने का निर्णय भी लिया गया है.
बंगाल से दिलीप घोष, मुकुल राय, बाबुल सुप्रियो, रूपा गांगुली, लाॅकेट चटर्जी, जय बनर्जी, जय प्रकाश मजूमदार सरीखे नेताओं को वक्ता के रूप में भेजा जा रहा है. भाजपा के लिए त्रिपुरा में ट्रंप कार्ड मुकुल राय हैं. मुकुल की वजह से ही तृणमूल कांग्रेस में गये विधायक भाजपा के खेमे में चले गये. इसका फायदा भाजपा उठा रही है. वहां रह कर मुकुल जहां पार्टी को जीत के लिए आगे बढ़ायेंगे. वहीं बंगाल में रहकर अमित शाह सारी परिस्थिति पर नजर रखेंगे.
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