कोलकाता. राज्य सरकार कोलकाता में पथ प्रकाश प्रणाली (स्ट्रीट लाइट सिस्टम) पर बिजली की बचत के लिए 300 करोड़ रुपये की परियोजना लागू करने की योजना बना रही है. अधिकारियों का कहना है कि यह देश में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना हो सकती है.
एनर्जी इफिसिएंसी सर्विसेस लिमिटेड (ईईएसएल) के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इस परियोजना के तहत महानगर के मार्गो पर प्रकाश के लिए एलईडी बल्ब लगाये जायेंगे, जो बहुत कम बिजली खपत करते हैं. राज्य सरकार इसके लिए जल्द ही अनुबंध कर सकती है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ऊर्जा संरक्षण के विषय में बहुत प्रगतिशील विचारोंवाला राज्य है और सड़कों पर रोशनी के लिए एलईडी लैंप लगाने के लिए जल्द ही अनुबंध कर सकता है. उन्होंने कहा कि महानगर की तीन लाख स्ट्रीट लाइटों को बदलना देश, संभवत: दुनिया में इस किस्म की सबसे बड़ी परियोजना है.
इसमें सोडियम वेपर बल्ब की जगह एलईडी लगाने की योजना है. उन्होंने कहा कि पायलट आधार पर काम शुरू किया जा चुका है और उम्मीद है कि चुनाव बाद अनुबंध पर हस्ताक्षर कर लिये जायेंगे. इसके लिए पूंजीगत खर्च ईईएसल प्रदान करेगी और उसे बिजली खर्च में होनेवाली बचत से यह धन वापस किया जायेगा. एलीईडी लग जाने से 50-55 प्रतिशत बिजली बच सकती है. यादवपुर विश्वविद्यालय और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी और लीड्स के एक साझा अध्ययन के मुताबिक, कोलकाता शहर की आय का 10 प्रतिशत हिस्सा बिजली पर खर्च होता है. उन्होंने कहा कि वार्षिक बिजली और रख- रखाव खर्च 125 करोड़ रुपये है. इस परियोजना से सरकार का वार्षिक खर्च 10-15 करोड़ रुपये कम हो जायेगा.