कोलकाता : राज्य में नोआपाड़ा और उलबेडिया में हो रहे उपचुनाव में भाजपा के अलावा सभी विरोधी दलों का मुख्य मुद्दा अभी हाल में हुए बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट है. भाजपा तो इस मुद्दे पर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो वामपंथी और कांग्रेस भी पीछे नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस राज्य के विकास और सांप्रदायिकता के मुद्दे पर भाजपा को घेर रही है तो राज्य के पिछड़ेपन के लिए माकपा को जिम्मेवार ठहरा रही है, लेकिन कांग्रेस को अहमियत नहीं दे रही है. दोनों क्षेत्रों में हो रहीं सभाओं में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष साफ कह रहे हैं कि दो दिनों तक ग्लोबल बिजनेस समिट के नाम पर ममता बनर्जी ने सर्कस दिखाया है. यह एक तरह से ममता बनर्जी का हर साल होनेवाला पिकनिक बनकर रह गया है.
उन्होंने कहा कि हर साल उद्योगपति आते हैं और एक ही नेता की वाणी सुनते हैं. खाते हैं पीते हैं और नाच गाना देख कर वापस चले जाते हैं. रिजल्ट शुन्य रहता है. बिजनेस समिट में आने वाले उद्योगपति ममता बनर्जी को निवेश का प्रस्ताव देकर खुश कर देते हैं और चले जाते हैं. उघोग-धंधा नहीं लगाते, क्योंकि वह जानते हैं कि बंगाल की मौजूदा हालत उघोग धंधों के लिए अनुकूल नहीं है.
दिलीप घोष मुख्यमंत्री के विदेश दौरे पर भी सवाल खड़े करते हैं कि दीदी सिंगापुर, लंदन, हालैंड व जर्मनी गयी हैं, लेकिन वह वहां से कितने रुपए का निवेश बंगाल में करवा पायी हैं इसका ब्यौरा वह दें. लेफ्ट की ओर से सिंगूर मुद्दे को सामने लाकर सवाल उठाया जा रहा है कि उद्योग के लिए जमीन नहीं देनेवाली ममता बनर्जी इतना उद्योग कहां लगायेंगी. आसमान में लगायेंगी क्या ?