10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

125 करोड़ के बजाय केंद्र ने बंगाल को दिये सिर्फ पांच करोड़

केंद्र और राज्य सरकार में फिर बढ़ी तनातनी कोलकाता : केंद्र व राज्य सरकार के बीच योजनाओं को लेकर खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार का हमेशा से ही आरोप रहा है कि केंद्र सरकार लगातार राज्य को विकास की योजनाओं के लिए आवंटित की जा रही राशि में कटौती कर रही है. […]

केंद्र और राज्य सरकार में फिर बढ़ी तनातनी
कोलकाता : केंद्र व राज्य सरकार के बीच योजनाओं को लेकर खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार का हमेशा से ही आरोप रहा है कि केंद्र सरकार लगातार राज्य को विकास की योजनाओं के लिए आवंटित की जा रही राशि में कटौती कर रही है.
इसका एक नया उदाहरण फिर सामने आया है, जिसे लेकर केंद्र व राज्य सरकार के बीच विवाद शुरू हो गया है. केंद्र सरकार ने राज्य के पांच माओवाद व पिछड़े जिलों के विकास के लिए मात्र पांच करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. यानी प्रत्येक जिले के विकास के लिए मात्र एक-एक करोड़ रुपये दिये गये हैं.
जबकि पहले केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक जिले के लिए 25 करोड़ रुपये प्रदान किये जाते थे और पांच जिलों के लिए केंद्र सरकार ने कुल 125 करोड़ रुपये दिये थे. लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने राशि में 120 करोड़ रुपये की कटौती की है और इस वर्ष प्रत्येक जिले के लिए मात्र एक-एक करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.
राज्य सचिवालय नबान्न भवन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र देकर जानकारी दी है और कहा है कि इस वर्ष इन जिलों के विकास के लिए एक करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं. केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य सरकार का विरोध किया है और इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र देने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न राज्यों में माओवाद प्रभावित जिलों के विकास के लिए केंद्र व संबंधित राज्य सरकार मिल कर विकासशील योजनाओं को क्रियान्वित करती है. इन योजनाओं पर 60 प्रतिशत राशि केंद्र व शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च करती है.
पश्चिम बंगाल में पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम व वीरभूम माआेवाद प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हैं और केंद्र सरकार की तालिका में भी इन राज्यों के नाम हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने इस वर्ष माओवाद प्रभावित जिलों के विकास के लिए आवंटित किये जानेवाली राशि को कम करने का फैसला किया है.
केंद्र के फैसले का राज्य सरकार ने किया विरोध
केंद्र सरकार के इस फैसले का पश्चिम बंगाल सरकार ने विरोध किया है. राज्य सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इतनी कम राशि में जिले का विकास कैसे हो सकता है. इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिख कर फैसले को वापस लेने की मांग की जायेगी.
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को केंद्र सरकार ने देश के 115 पिछड़े जिलों की तालिका जारी की थी, जिसमें बंगाल के पांच जिलों का नाम शामिल है. केंद्र सरकार इन पांच जिलों में ‘न्यू इंडिया 2022’ योजना को लागू करना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया. इसके ठीक एक दिन बाद केंद्र सरकार ने माओवाद प्रभावित जिलों के लिए प्रदान की जानेवाली राशि में भारी कटौती की घोषणा की. इससे केंद्र व राज्य सरकार के बीच तकरार और बढ़ गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें