बैंक लॉकर खोलने का मामला
कोलकाता : सारधा घोटाले मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने विधानननगर पुलिस कमिश्नरेट पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है, हालांकि विधाननगर पुलिस ने इडी के इस आरोप को खारिज करते हुए बताया कि मंगलवार रात सारधा ग्रुप के चीफ सुदीप्त सेन की पत्नी पियाली सेन का बैंक लॉकर इडी की मदद करने के लिए ही खोला गया था. विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी डीडी अर्नव घोष ने बताया कि विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट लॉकर को पहले ही खोलना चाहती थी, इसके लिए विधाननगर एसीजेएम कोर्ट से अनुमति मांगी गयी थी.
ऑर्डर मिलने के बाद साल्टलेक स्थित उक्त सरकारी बैंक का लॉकर देर रात खोला गया. लॉकर खोलने के पहले इडी के अधिकारी को बैंक में आने के लिए कहा गया था. उन्होंने बताया कि बैंक लॉकर खोलने की पूरी प्रक्रिया की बीडीओ रिकार्डिग की गयी है. इडी ने विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के इस कार्रवाई पर सवाल उठाया है.
इस संबंध में डीसी डीडी अनर्ब घोष ने बताया कि हमारा उद्देश्य किसी जांच एजेंसी को असहयोग करने का नहीं है. हमने जांच एजेंसी को अपना पूरा सहयोग बढ़ा दिया है. इडी ने हाल में सुदीप्त सेन की पत्नी पियाली सेन और उनके बेटे शुभजीत को गिरफ्तार किया है. पिछले साल से जांच में लगी विधाननगर पुलिस ने इन दोनों को अभी तक नहीं गिरफ्तार किया था. एक साल से विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के अधीन लॉकर रहने के बावजूद पुलिस ने क्यों अचानक लॉकर खोला, इस सवाल के जवाब में अर्नव घोष ने बताया कि हमलोग अपनी प्राथमिकता के आधार पर मामले की जांच कर रहे थे.
हमलोग भी लॉकर खोलने वाले थे, लॉकर को एक महीने के बाद खोला जा सकता था, लेकिन जब हमें पता चला कि इडी भी जांच के लिए इसे खोलना चाहती है, तो हमलोगों ने इडी की मदद के लिए इसे खोला है. विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की जगह पर इडी की ओर से लॉकर खोले जाने पर क्या गलत होता इस सवाल के जवाब में अनर्ब घोष ने बताया कि जो हमारी जांच के दायरे में शामिल है, उसे दूसरा कैसे खोल सकता है. कौन इसे पहले खोला यह कोई विषय नहीं है. सवाल है कि लॉकर में क्या था, इसकी बताने के लिए हमलोग इडी को सहयोग कर रहे हैं.