छठ पूजा में सफाई का इतना ध्यान रखा जाता है, जोकि किसी और पूजा में नहीं रखा जाता और ऐसे पूजा से परिवेश प्रदूषित होने का सवाल ही पैदा नहीं हाेता. साजिश के तहत छठ पूजा को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जायेगा. श्री सिंह ने कहा कि कोर्ट ने छठ पूजा के दौरान डीजे बजाने व पटाखा फोड़ने की बात कही है, वह पूरी तरह बेबुनियाद बात है, क्योंकि इस पूजा में छठव्रतियां गीत गाते जाती हैं और कोई भी छठव्रती पूजा के दौरान नदी, झील या तालाब में कोई सामान नहीं फेंकती. वह पानी में उतर कर सिर्फ भगवान सूर्य को अर्घ्य चढ़ाती हैं, इससे पर्यावरण प्रदूषित कैसे हो सकता है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो आदेश दिये हैं, उनका वह पालन करेंगे. इस मौके पर राष्ट्रीय बिहारी समाज के अधिवक्ता देवव्रत उपाध्याय ने कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान हमें अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं मिला, जिसकी वजह से कोर्ट ने मामले की एक-तरफा सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि अब इस मामले में राष्ट्रीय बिहारी समाज भी पार्टी बनेगी और ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले का रिव्यू करने के लिए याचिका दायर करेगी.