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मुहर्रम के दिन विसर्जन के लिए पुलिस अनुमति जरूरी

कोलकाता : दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन को लेकर राज्य सरकार ने नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि एक अक्तूबर यानी मुहर्रम के दिन प्रतिमा विसर्जन करने के लिए आयोजकों को स्थानीय पुलिस थाने से अनुमति लेनी होगी. पुलिस अनुमति के बिना एक अक्तूबर को प्रतिमा विसर्जन नहीं की जा सकती. इसके बाद पुलिस […]

कोलकाता : दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन को लेकर राज्य सरकार ने नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि एक अक्तूबर यानी मुहर्रम के दिन प्रतिमा विसर्जन करने के लिए आयोजकों को स्थानीय पुलिस थाने से अनुमति लेनी होगी. पुलिस अनुमति के बिना एक अक्तूबर को प्रतिमा विसर्जन नहीं की जा सकती. इसके बाद पुलिस विसर्जन के लिए रूट तैयार करेगी.

अगर पुलिस को लगता है कि उक्त क्षेत्र में विसर्जन की अनुमति देने से समस्या पैदा हो सकती है, तो वह इसकी अनुमति नहीं भी दे सकती है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के मामले पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राज्य के डीजीपी सुरजीत कर पुरकायस्थ ने कहा कि सरकार ने तय किया कि इस पूरे मामले में अंतिम फैसला पुलिस ही लेगी.
राज्‍य में प्रतिमा विसर्जन पर फैसला अब पुलिस लेगी. दुर्गा पूजा आयोजकों को एक अक्तूबर को विसर्जन के लिए पुलिस की मंजूरी लेनी होगी और पुलिस अगर सुरक्षा इंतजामों को लेकर संतुष्ट हुई, तभी वे विसर्जन कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि मुहर्रम के दिन को छोड़कर दो, तीन और चार अक्तूबर को प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकता है. लेकिन एक अक्तूबर को विसर्जन करने के लिए पुलिस की अनुमति लेनी होगी, क्योंकि आवेदन मिलने के बाद ही पुलिस विसर्जन के लिए रूट तैयार करेगी.
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन पर रोक हटाये जाने के बाद भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीछे हटने को तैयार नहीं दिखतीं. राज्य सरकार ने विसर्जन के संबंध में नया फरमान जारी कर दिया है, जिसके तहत अब आयोजकों को एक अक्तूबर अर्थात् मुहर्रम के दिन विसर्जन करने के लिए स्थानीय थाने से अनुमति लेनी होगी. गौरतलब है कि गुरुवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर राज्‍य सरकार की
रोक के संबंध में कलकत्ता हाइकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए ममता सरकार के आदेश को रद्द कर दिया था. हाइकोर्ट ने मुहर्रम के दिन रात 12 बजे तक मूर्ति विसर्जन का आदेश दिया है. इससे बाद ममता ने कलकत्ता हाइकोर्ट द्वारा विसर्जन के मसले पर राज्य सरकार के फैसले को रद्द किये जाने के पर कहा था कि चाहे कोई मेरा गला काट दे, लेकिन कोई भी मुझे यह न बताये कि मुझे क्या करना है.
इससे पहले, गुरुवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद ममता ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि जरूरत पड़ी, तो मेरा गला काट दो, लेकिन कोई भी मुझे ये नहीं बता सकता कि क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए. शांति बनाये रखने के लिए मैं वह सब कुछ करूंगी, जो भी मुझे करना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि ममता सरकार ने फैसला लिया था कि मुहर्रम के अगले दिन ही प्रतिमा विसर्जन होगा.

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