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दानव नहीं, मानव बनें : मुख्यमंत्री

कोलकाता: कन्याश्री योजना के विश्व विजेता बनने की खुशी लोगों को समर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मौजूदा दौर में लोगों को दानव नहीं, मानव बनने की जरूरत है. इसकी बुनियाद यहां मौजूद तमाम कन्याओं में रखी […]

कोलकाता: कन्याश्री योजना के विश्व विजेता बनने की खुशी लोगों को समर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मौजूदा दौर में लोगों को दानव नहीं, मानव बनने की जरूरत है. इसकी बुनियाद यहां मौजूद तमाम कन्याओं में रखी जा रही है. उम्मीद है कि वे खुद को इस काबिल बनायेंगी कि तमाम दिक्कतें उनके सामने नहीं टिकेंगी. वे बंगाल की संस्कृति, साहित्य और गरिमा को बरकरार रखने की दिशा में अपनी सक्रिय भागीदारी निभायेंगी.

कर्मठ बनने की जरूरत : खुद का उदाहरण देते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा : कभी भी आर्थिक दिक्कत जोशीले और कर्मठ इनसान की राह में रोड़ा नहीं बन सकती. मैंने भी बचपन से काफी आर्थिक दिक्कत झेली है. लेकिन कभी समझौता नहीं किया. गरीबी कभी अभिशाप नहीं होती. इनसान को कर्म प्रधान बनने की जरूरत होती है.
तोड़ने में नहीं जोड़ने में यकीन करती हूं : सांप्रदायिकता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा : मैं तोड़ने में नहीं जोड़ने में यकीन रखती हूं. सुदर्शन चक्र मानवता के लिए चलता है. वह किसी से भेदभाव नहीं करता. बंगाल की संस्कृति भी यही है. छात्राओं को प्रेम और भाईचारा का पाठ पढ़ाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्याश्री अब विश्वश्री का लक्ष्य लेकर चल रही है. उनको हर हाल में विजेता बनना होगा.
जन्म से मृत्यु तक तरह-तरह की योजनाएं : मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल सरकार छात्राओं के हित में लगातार योनजाएं ला रही है. जन्म से मृत्यु तक आम लोगों की भलाई के लिए तरह-तरह की योजनाएं हैं. इसका मकसद समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है. सीएम ने कहा कि 18 साल की उम्र तक 25 हजार की राशि देने के बाद अब विश्वविद्यालय स्तर पर 45 फीसदी या इससे अधिक अंक लाकर आगे की पढ़ाई करने वाली कन्याश्री को विज्ञान विषय के लिए ढाई हजार रुपये और कला विभाग के लिए दो हजार रुपये प्रति माह दिये जायेंगे. आगामी समय में शोध के लिए 10 मेधावी कन्याओं का सारा खर्च उठाने के लिए लोग आगे आये हैं.
20 करोड़ रुपये का फंड बनाया : विश्वविधालय अनुदान आयोग द्वारा शोध कार्य से जुड़े छात्रों की धनराशि बंद करने पर निराशा जताते हुए सीएम ने कहा कि उन्होंने 20 करोड़ रुपये का एक फंड बना दिया है. इससे शोधाथिर्यों को दिक्कत नहीं होगी. आगामी दिनों में राज्य सरकार कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल देगी.
कन्याश्री की जीत के जश्न को यादगार बनाने के लिए कार्यक्रम में पहुंचीं कई हस्तियां
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी परियोजना कन्याश्री को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रथम पुरस्कार मिलने की खुशी में नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह में समाज की विभिन्न हस्तियां शामिल हुईं. समारोह में यूनिसेफ की भारतीय प्रतिनिधि डॉ यास्मिन अली हक भी उपस्थित थीं. कार्यक्रम की शुरुआत सुकन्या जुवैनायल जस्टिस होम की लड़कियों द्वारा नृत्य कार्यक्रम से हुआ. इसके बाद लड़कियों के एक ग्रुप ने मार्शल आर्ट का प्रदर्शन कर लोगों को नारी शक्ति का अहसास कराया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, वित्त मंत्री अमित मित्रा, मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, मंत्री शशि पांजा, मुख्य सचिव मलय कुमार दे, कोलकाता पुलिस के कमिश्नर राजीव कुमार के साथ टॉलीवुड से पायल सरकार, मवाली, जून मालिया, श्रावंति, सीतामा, अरिंदम सील, बोनी, पौषाली, इंद्रानी हालदार, इंद्रानी भट्टाचार्य, मानसी और चुर्नी गांगुली जैसे सितारे मौजूद थे. मुख्यमंत्री पूरे कार्यक्रम पर अपनी पैनी नजर रखी हुई थीं. मंच पर मौजूद सभी अतिथियों का जहां उत्तरीय पहना कर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, वहीं समाज में अपनी विशेष उपलब्धियों के कारण चर्चा में आयीं 20 कन्याओं को सम्मानित किया गया. समारोह में मौजूद लड़कियों की संख्या और उनके उत्साह को देख कर खुद यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ यास्मिन अली हक कई बार भाव विभोर हो गयीं. अपने संबोधन में उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि उनके सफल प्रयास की वजह से ही यह योजना इतना कारगर हो पायी है. इसके लिए अगर कोई बधाई का पात्र है तो वह खुद मुख्यमंत्री हैं.

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