बैंक की चेयरपर्सन अरुधंति भट्टाचार्य ने यहां कहा कि डिजिटल क्षेत्र में एसबीआइ और खुदरा उत्पादों को रखेगा. ऐसा इसलिए है कि पारंपरिक विनिमय बैंकिंग की तुलना में डिजिटल मंच पर विनिमय जल्दी होगा. उन्होंने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि डिजिटल मंच के जरिये बैंक ग्राहकों की व्यय आदतों का अध्ययन करने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण होगा. जहां तक कॉरपारेट की बात है तो बैंक खरीदारों और विक्रेताओं को एक मंच पर लाकर मूल्यवर्धन करने पर गौर कर रहा है.
राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने फिक्की की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान बैंक पर राज्य को कम ऋण देने का आरोप लगाया. इसका जवाब देते हुए एसबीआइ की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि अभी बंगाल की ऐसी स्थिति नहीं है कि इसको ऋण दिया जा सके. बंगाल में लैंड रिकॉर्ड प्रक्रिया का डिजिटलीकरण करना जरूरी है, जो अब तक ना जाने कितना हुआ है.
इसके साथ ही पूर्वी भारत में आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ क्षेत्र में भी कार्य करना होगा, तभी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि बंगाल के साथ-साथ पूर्वी भारत में ऋण देने के परिमाण में काफी कम वृद्धि हुई है. बैठक के दौरान राज्य के वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे किसान क्रेडिट कार्ड, एमएसएमई, कृषि-लोन, एसएचजी लोन में एसबीआइ की भागीदारी काफी कम है, जिस पर एसबीआइ को ध्यान देना चाहिए.