यहीं वजह है कि जीएसटी लागू होने के बाद से ही बांग्लादेश माल नहीं भेजा जा रहा. अभी तक वाणिज्यकर विभाग में भी जीएसटी को लेकर नया सिस्टम अपग्रेड नहीं हुआ है. इतना ही नहीं, कारोबारियों के लिए जीएसटी के जटिल विषयों को समझना भी काफी मुश्किल हो रखा है. यहीं वजह है कि नुकसान होने के बाद भी कारोबार फिलहाल बंद रखना हमारी मजबूरी है. श्री साहा का कहना है कि जीएसटी को लेकर उपजी सभी समस्याएं रविवार-सोमवार तक दूर होने की संभावना है.
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भारत-बांग्लादेश व्यापार पर जीएसटी की मार
सिलीगुड़ी. एक जुलाई से पूरे देश में लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. नये कर कानून को लेकर सीमा पर स्थित भारतीय वाणिज्य केंद्र के अधिकारी भी अभी तक अंधकार में हैं. जीएसटी लागू हुए 10 दिन होने को हैं, […]
सिलीगुड़ी. एक जुलाई से पूरे देश में लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. नये कर कानून को लेकर सीमा पर स्थित भारतीय वाणिज्य केंद्र के अधिकारी भी अभी तक अंधकार में हैं. जीएसटी लागू हुए 10 दिन होने को हैं, लेकिन अभी तक वाणिज्य केंद्र के अधिकारियों को इस बारे में सही जानकारी नहीं है. इसके चलते भारत-बांग्लादेश सीमांत पर दिन-प्रतिदिन स्थिति विकराल रूप धारण कर रही है.
पश्चिम बंगाल के भारतीय सीमा स्थित प्रमुख वाणिज्य केंद्रों फूलबाड़ी, चेंगड़ाबांधा, हिली बॉर्डर के दोनों ओर माल लदे सैकड़ों ट्रकों की लंबी कतारें बीते नौ दिनों से खड़ी हैं. वाणिज्य केंद्र के अधिकारी और कारोबारी दोनों मान रहे हैं कि जीएसटी की जटिल प्रक्रिया अभी तक सही तरीके से किसी के समझ में न आने की वजह से आयात-निर्यात ठप हो गया है और हर रोज करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं, अधिकतर कारोबारी अभी तक जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवा पाये हैं.
जीएसटी की वजह से आयात-निर्यात में उपजी नयी समस्या को लेकर सिलीगुड़ी से सटे भारत-बांग्लादेश सीमांत स्थित वाणिज्य केंद्र, फूलबाड़ी के अधिकारियों से मुलाकात कर विस्तृत जानकारी लेनी चाही, लेकिन अधिकारी मीडिया के सामने टिप्पणी करने से बचते रहे.
क्या कहना है कारोबारी संगठन का : नॉर्थ बंगाल एक्सपोर्ट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव उज्ज्वल साहा का कहना है कि अभी तक अधिकांश कारोबारियों द्वारा जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया है.
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