अगर वह संयम रख कर हमारे आग्रह पर ध्यान देते हैं तो 10-12 दिन के लिए उन्हें बातचीत के लिए बुलाया जायेगा. उधर, गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन चलाने वाले गोरखा जनमुक्ति मोरचा ने एक बयान में मुख्यमंत्री के वार्ता के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि अब बातचीत के दरवाजे बंद हो चुके हैं.मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य के मामलों में सीधे हस्तक्षेप कर रहा है. कुछ केंद्रीय एजेंसियां सीधे हस्तक्षेप कर रही हैं.
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सीएम ने कहा-हम बातचीत के लिए तैयार, गोजमुमो का इनकार
कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग विवाद में बातचीत की पेशकश की है. शनिवार को राज्य सचिवालय नवान्न भवन में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह (आंदलनकारी) शांति के रास्ते पर आयें, जब भी वह बात करना चाहें, हम तैयार हैं. मुझे बातचीत करने में कोई आपत्ति नहीं है. पर पहले लोगों तक खाद्यान्न पहुंचने दें. […]
कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग विवाद में बातचीत की पेशकश की है. शनिवार को राज्य सचिवालय नवान्न भवन में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह (आंदलनकारी) शांति के रास्ते पर आयें, जब भी वह बात करना चाहें, हम तैयार हैं. मुझे बातचीत करने में कोई आपत्ति नहीं है. पर पहले लोगों तक खाद्यान्न पहुंचने दें. बच्चों को स्कूल जाने दें.
कुछ विदेशी शक्तियों का भी इसमें हाथ है. कुछ ऐसे हैं, जिनके साथ केंद्र की भाजपा सरकार के साथ अच्छे संबंध हैं.सीमांत क्षेत्र को अशांत करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बंगाल बेहद संवेदनशील राज्य है. जिसके साथ बांग्लादेश, भूटान व नेपाल की सीमाएं हैं. सिक्किम के साथ चीन की सीमा है. यहां सोचे-समझे तरीके से अशांति उत्पन्न करने की साजिश की जा रही है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि दार्जिलिंग की घटना पूरी तरह पूर्वनियोजित है. मैंने छह बार केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात. बार-बार आवेदन किया. वहां आठ जून को अशांति आरंभ हुई. तब से लेकर एक महीना हो चुका है, पर आवेदन के बावजूद सीआरपीएफ नहीं भेजी गयी. अगर सीआरपीएफ होती तो अब तक स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में होती. पर केंद्र ने वहां लाठीधारी एसएसबी आैर महिला वाहिनी को भेजा है. जानबूझ कर राज्य के साथ असहयोग किया जा रहा है. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर आंदोलन कर रहे लोगों से शांति स्थापित करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा का रास्था छोड़ कर शांति के रास्ते को अपनायें. बंद वापस लें. दिल्ली के बहकावे में कानून को अपने हाथ में न लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि दार्जिलिंग में एक व्यक्ति की जान गयी है, जो दुखद है. इसकी जांच होगी आैर जो भी दोषी होगा, उसे सजा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि हमें लोकतांत्रिक आंदोलन से कोई आपत्ति नहीं है. पर दुख की बात है कि नेता तो खा रहे हैं. नेपाल व सिक्किम की सीमा से सामान उनके पास पहुंच जा रहा है. पर आमलोगों को खाना नहीं मिल रहा है.
केंद्र पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की नीतियों के कारण सिक्किम हाथ से गया, कश्मीर जल रहा है. उत्तर-पूर्व के राज्य भी हाथ से निकल रहे हैं. अब वह लोग चाहते हैं कि दार्जिलिंग भी हाथ से निकल जाये, पर हम लोग ऐसा होने नहीं देेंगे. क्या केवल गौरक्षकों के नाम पर यह देश चलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र व भाजपा के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ सीबीआइ व इडी को लगा दिया जाता है. कांग्रेस, लालू प्रसाद यादव, अरविंद केजरीवाल, डीएमके के खिलाफ सीबीआइ व आइडी लगाया. दबाव डालने व भयभीत करने के लिए उनके खिलाफ जांच शुरू की गयी है. पर हम लोग डरने वाले नहीं हैं.
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