कोलकाता: शिशु के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में वेस्ट बंगाल हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन ने अपोलो ग्लेनिग्लेस हॉस्पिटल पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं दोषी पाये गये चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमीशन ने वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल को प्रस्ताव भेजा है. कमीशन ने इस मामले में अस्पताल के तीन डॉक्टरों को दोषी ठहराया है.
मृत बच्ची की मांग शालू चक्रवर्ती ने दोषी चिकित्सकों का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है.उन्होंने कहा: हमें रुपये नहीं चाहिए. इस तरह के चिकित्सक से समाज को खतरा है.
उधर, अपोलो हॉस्पिटल के सीइओ राणा दासगुप्ता ने कहा कि कमीशन की ओर से हमें इस मामले में किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिली है. जानकारी मिलने के बाद ही हम अपनी प्रतिक्रिया दे सकेंगे.
क्या है मामला
इलाज के दौरान शिशु कुहेली चक्रवर्ती की मौत हो गयी थी. इस मामले में कुहेली के अभिभावकों ने पांच जून को स्वास्थ्य आयोग से शिकायत की. जांच के बाद आयोग ने पाया कि शिशु की चिकित्सका में लापरवाही हुई है. इसके बाद गुरुवार को कमीशन की ओर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया. घटना गत अप्रैल महीने की है. पेट दर्द व मल त्याग करने में समस्या की शिकायत पर शिशु को इएसअाइ अस्पताल में भरती कराया गया. क्लोनोस्कॉपी के लिए उसे अपोलो में रेफर किया गया. कुहेली की मां शालू चक्रवर्ती के अनुसार जांच के लिए बच्ची को पहले दिन आठ घंटे तक बिना खिलाये रख दिया गया. शाम को बताया गया कि आज जांच नहीं होगी. अगले दिन फिर सुबह 6 बजे से 11 बजे सुबह तक बच्ची को कुछ खिलाये बगैर ही रखा गया. इस दौरान उसे स्लाइन चढ़ाया गया. इसके बाद जांच के लिए उसे एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) दिया गया. काफी देर तक भूखा रहने के कारण एनेस्थीसिया की डोज कुहेली संभाल नहीं सकी, जिसके कारण उसकी मौत हो गयी.