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बिजली खर्च को कम करने के लिए कोल इंडिया ने बनायी योजना, 2024 तक 3 हजार मेगावाट सौर बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य

Bengal news, Kolkata news : देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने अपनी बिजली खर्चों को कम करने के लिए स्वयं सौर ऊर्जा का उत्पादन (Solar energy production) करने की योजना बनायी है. कंपनी ने वर्ष 2024 तक 3 हजार मेगावाट (3 गीगा वाट) सौर बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए कंपनी द्वारा 5650 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने अपनी बिजली खर्चों को कम करने के लिए स्वयं सौर ऊर्जा का उत्पादन (Solar energy production) करने की योजना बनायी है. कंपनी ने वर्ष 2024 तक 3 हजार मेगावाट (3 गीगा वाट) सौर बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए कंपनी द्वारा 5650 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

बताया गया है कि कोल इंडिया लिमिटेड ने नेट जीरो एनर्जी (Net zero energy) की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए वर्ष 2023-24 तक यह लक्ष्य प्राप्त करने की योजना बनायी है. नेट जीरो एनर्जी के तहत सौर ऊर्जा का प्रयोग कर बिजली बनाकर उसका उपयोग करना है.

कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सीआइएल ने 14 रूफटॉप (Rooftop) के साथ-साथ जमीन पर ये पावर प्रोजेक्ट लगाये जायेंगे. बताया गया है कि इस योजना पर खर्च किये जाने वाले 5650 करोड़ रुपये से 3650 करोड़ कंपनी अपनी पूंजी से निवेश करेगी, जबकि बाकी 2 हजार करोड़ रुपये ज्वाइंट वेंचर (जेवी) मॉडल के तहत इस योजना में निवेश करने वाली इच्छुक कंपनियों को करना होगा.

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एनएलसी इंडिया, एसईसीआई व एनटीपीसी के साथ मिल कर होगा उत्पादन

कंपनी की ओर से विज्ञप्ति के अनुसार, कंपनी ने सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए एनएलसी इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी व सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ अलग-अलग समझौता किया है और प्रत्येक कंपनी के साथ मिल कर कोल इंडिया 1000-1000 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेगी. बताया गया है कि सीआइएल एवं एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने योजना के क्रियान्वयन के लिए कोल लिग्नाइट ऊर्जा विकास प्राइवेट लिमिटेड (Coal Lignite Energy Development Pvt Ltd) नामक कंपनी भी बनायी है.

बिजली खर्च की राशि बचाना चाहती है कोल इंडिया

बताया गया है कि कोल इंडिया ने अपनी वार्षिक ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उत्पादन करना चाहती है. 2020 के अंत तक कोल इंडिया का बिजली पर वार्षिक खर्च बढ़ कर 3400 करोड़ रुपये हो जायेगा, जो कि कंपनी के कुल राजस्व खर्च का 4.4 प्रतिशत है. कंपनी द्वारा सौर ऊर्जा के उत्पादन से इसके बिजली खर्च में कमी आयेगी. साथ ही यह भी बताया गया है कि मांग के अनुसार बिजली प्रयोग होने के बाद कंपनी शेष बिजली का विपणन करेगी.

सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए 1156 एकड़ जमीन चिह्नित

बताया गया है कि कंपनी ने सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में 1156 एकड़ जमीन चिह्नित की है, जहां वर्ष 2022 तक 220 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही कंपनी ने वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में पूरे भारत में सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करने की योजना बनायी है. बताया गया है कि कंपनी द्वारा कई प्लांटों में सौर ऊर्जा उत्पादन शुरू भी किया जा चुका है. वर्ष 2019 में 4.25 मिलियन यूनिट व 2020 में 4.6 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ था, जिससे प्रत्येक वर्ष लगभग 3000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम हुआ है. बताया गया है कि एक मिलियन यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन से 700 टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम किया जा सकता है.

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Posted By : Samir Ranjan.

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