Bengal Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव के 6 चरणों की वोटिंग अभी बाकी है. इसी बीच टीएमसी को एक बड़ा झटका लगा है. आज केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सारधा चिटफंड मामले में टीएमसी के पूर्व राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष और टीएमसी की लोकसभा सांसद शताब्दी राय सहित 3 लोगों की 3 करोड़ की संपत्ति अटैच की है. अब तक ईडी ने सारधा चिटफंड मामले में 600 करोड़ की संपत्ति अटैच की है.
ईडी सूत्रों ने बताया कि सारधा चिटफंड कंपनी के मीडिया ग्रुप के सीईओ रह चुके टीएमसी के पूर्व राज्यसभा सांसद कुणाल घोष, सारधा ग्रुप की ब्रांड अंबेसडर रह चुकी टीएमसी सांसद शताब्दी राय और सारधा चिटफंड कंपनी की डायरेक्टर देबजानी मुखर्जी की 3 करोड़ की संपत्ति अटैच की गयी है. देबजानी अभी भी जेल में हैं. बता दें कि चुनाव शुरू होने के साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसियां ईडी, सीबीआई काफी सक्रिय हो गयी है.
सारधा, नारदा, कोयला तस्करी और गाय तस्करी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियां बड़े और प्रभावशाली लोगों से पूछताछ कर रही हैं. कुछ दिन पहले भी कुणाल घोष से पूछताछ की गयी थी. इसके साथ ही टीएमसी के दो कैंडिडेट मदन मित्रा और विवेक गुप्त से भी कुछ दिन पहले ईडी पूछताछ कर चुकी है. वहीं कुणाल घोष ने इससे पहले सारधा चिटफंड से वेतन और विज्ञापन के एवज में लिये गये 2.67 करोड़ रुपये ईडी को लौटाये थे.
आज कुणाल घोष की भी संपत्ति अटैच की गयी. मालूम हो कि सारधा चिटफंड मामले में कुणाल घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. बाद में वो जमानत पर रिहा हुए. 2013 में पार्टी विरोधी बयान पर टीएमसी ने उन्हें निकाल दिया था लेकिन अब वापस उन्हें पार्टी में लाया गया. अभी वो टीएमसी के प्रवक्ता के पद पर है. वहीं शताब्दी राय से पहले भी जांच एजेंसियां पूछताछ कर चुकी है. दूसरी तरफ, सारधा चिटफंड के कर्णधार सुदीप्त सेन और देबजानी मुखर्जी अभी भी जेल में हैं.
वहीं दूसरी तरफ कुणाल घोष ने इस मामले में अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनकी कोई संपत्ति अटैच नहीं हुई है. उन्होंने फेसबुक पर सफाई देते हुए कहा, ईडी ने मेरी आज, अभी या पहले कोई संपत्ति जब्त की है, इसकी कोई जानकारी मुझे नहीं है. सारधा मीडिया से वेतन और विज्ञापन के एवज में मिले रुपये मैंने खुद ईडी को लौटायी है. 2013 से ही मैं रुपये लौटा रहा हूं.
Posted by : Babita Mali