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ठेका श्रमिकों को सिर्फ आउटडोर मेडिकल सुविधा
सांकतोड़िया : इसीएल में कार्यरत ठेका श्रमिकों की चिकित्सा सुविधा आउटडोर में मिल रही है. लेकिन इंडोर मेडिकल सुविधा नहीं मिल रही है. इससे उनमें काफी रोष है. उनका कहना है कि उत्पादन में समान भागीदारी होने के कारण उन्हें यह सुविधा मिली चाहिए. कंपनी के कार्मिक निदेशक केएस पात्र ने कहा कि कंपनी के […]
सांकतोड़िया : इसीएल में कार्यरत ठेका श्रमिकों की चिकित्सा सुविधा आउटडोर में मिल रही है. लेकिन इंडोर मेडिकल सुविधा नहीं मिल रही है. इससे उनमें काफी रोष है. उनका कहना है कि उत्पादन में समान भागीदारी होने के कारण उन्हें यह सुविधा मिली चाहिए. कंपनी के कार्मिक निदेशक केएस पात्र ने कहा कि कंपनी के अस्पताल में ठेका श्रमिकों को सिर्फ आउटडोर की चिकित्सा नि:शुल्क होगी.
अगर इंडोर की सुविधा दी जायेगी तो कंपनी के नियमानुसार उन्हें बिल का भुगतान करना पड़ेगा. यदि कार्य के दौरान दुर्घटना होती है तो चिकित्सा का सारा खर्च कंपनी वहन करती है. अगर उन्हें अन्य अस्पताल में रेफर किया जाता है तो वह खर्च भी वहन किया जाता है. कंपनी में करीब छह हजार ठेका श्रमिक कार्यरत हैं.
सीएमपीएफ आंकड़े के अनुसार पूरे कोल इंडिया में 64 हजार ठेका मजदूर इसके सदस्य है. उन्होंने कहा कि आउटडोर में इलाज कराने पर यदि दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं होगी तो बाहर से दवा ठेका श्रमिक को ही खरीदनी होगी. इलाज की सुविधा आउटसोर्सिग कंपनियों में कार्यरत सिर्फ पंजीकृत ठेका कर्मी को ही मिलेगी.
इधर ठेका श्रमिकों का कहना है कि कंपनी में ठेका श्रमिकों से कई गुणा अधिक परमानेंट वर्कर है. इसके बावजूद उत्पादन में ठेका श्रमिकों की भूमिका निर्णायक है. लेकिन उन्हें अधिकांश सुविधा से वंचित रहना पड़ता है. समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति भी प्रभावी नहीं है. चिकित्सा सुविधा एक समान होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि यूनियनों का रुख भी सकारात्मक नहीं है.
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