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कोल कर्मियों की लंबित मांगें पूरी करने की कवायद

सांकतोड़िया : कोल इंडिया एपेक्स जेसीसी एवं मानकीकरण समिति की बैठक में ग्रेच्युटी समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी उक्त आशय की जानकारी एचएमएस के महामंत्री सह मानकीकरण समिति के सदस्य शिवाकांत पांडेय ने दी . उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के चेयरमैन एके झा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे, इसके पहले कोल कर्मियों […]

सांकतोड़िया : कोल इंडिया एपेक्स जेसीसी एवं मानकीकरण समिति की बैठक में ग्रेच्युटी समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी उक्त आशय की जानकारी एचएमएस के महामंत्री सह मानकीकरण समिति के सदस्य शिवाकांत पांडेय ने दी . उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के चेयरमैन एके झा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे, इसके पहले कोल कर्मियों की लंबित मांगें पूरी करने की कवायद तेज कर दी गयी है. इसके साथ ही मानकीकरण एवं जेसीसी की ओर से चेयरमैन को विदाई दी जाएगी.

ईसीएल समेत कोल इंडिया की अन्य अनुषांगिक कंपनी से जनवरी 2017 से सेवानिवत हुए कर्मियों को बढ़ी हुई ग्रेच्युटी भुगतान करने की मांग लंबे अरसे से हो रही है. लगभग दो माह बाद पिछले सप्ताह मानकीकरण समिति की बैठक आयोजित की गई थी, पर कतिपय कारणों से बैठक स्थगित हो गई.
प्रबंधन ने एक बार फिर बैठक की नयी तिथि 30 व 31 जनवरी निर्धारित की है. इसमें वेतनमान में विसंगति समेत बैक डेट से 20 लाख ग्रेच्युटी देने के विषय पर चर्चा की जाएगी. वर्तमान में सरकार से जारी अधिसूचना के मुताबिक रिटायर्ड कोलकर्मियों को 29 मार्च 2018 के बाद से 20 लाख ग्रेच्युटी का भुगतान हो रहा है, जबकि 20 लाख ग्रेच्युटी जनवरी 2017 से सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को देने की मांग श्रमिक संघ प्रतिनिधि कर रहे हैं.
इसकी मुख्य वजह यह है कि सेवानिवृत्त कोल अफसरों को जनवरी 2017 से 20 लाख ग्रेच्युटी दिया जा रहा है. कोल प्रबंधन की इस भेदभावपूर्ण नीति से कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है. जानकारों का कहना है कि कर्मियों को भी बैक डेट से ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकता है, क्योंकि कोल इंडिया के चेयरमैन एके झा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इसके पहले आयोजित जेसीसी व मानकीकरण की बैठक में इस मसले पर चर्चा कर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा की प्रबंधन से जनवरी 2017 से बढ़ी हुई ग्रेच्युटी देने पर सहमति बन जाती है, तो इसका फायदा 18 हजार से ज्यादा रिटायर्ड कर्मियों को मिलेगा. इन कर्मियों को दस लाख ग्रेच्युटी के अनुसार राशि का भुगतान किया गया था, जबकि कई कर्मियों की ग्रेच्युटी राशि गणना करने में इससे ज्यादा बनी थी. यही वजह है कि श्रमिक संघ बढ़ी हुई दर के मुताबिक राशि प्रदान करने की मांग कर रहे हैं. कोलकर्मियों का कहना है कि ग्रेच्युटी राशि को लेकर कुछ सेवानिवृत्त कर्मियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की है.
इस पर पीएमओ के निर्देश पर डीपीई ने अपने जवाब में कहा कि एक जनवरी 2017 से बीस लाख ग्रेच्युटी भुगतान का निर्णय कोल मंत्रालय को करना है, इसकी प्रतिलिपि कोल मंत्रालय को भी भेजा गयी है. जानकारों का कहना है कि एक ही उद्योग में ग्रेच्युटी भुगतान की तारीख में अंतर नहीं हो सकता. जनवरी 2017 से 28 मार्च 2018 तक 18 हजार कोलकर्मी सेवानिवृत्त हुए हैं. इसलिए जनवरी 2017 से मिल रही बढ़ी हुई राशि.
सार्वजनिक उपक्रम में कार्यरत अधिकारियों का वेतन रिवीजन आयोग (थर्ड पीआरसी) की अनुशंसा एक जनवरी 2017 से लागू की गयी थी. इसके बाद भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीई) ने तीन अगस्त को दिशा निर्देश जारी कर कहा कि 20 लाख ग्रेच्युटी देने अथवा नहीं देने का निर्णय सार्वजनिक उपक्रम पर निर्भर करता है. यही वजह है कि थर्ड पीआरसी में रिटायर्ड कोलकर्मियों को
जनवरी 2017 से बढ़ी हुई ग्रेच्युटी राशि मिल रही है.

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