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फरजी आधार कार्ड, पहचान-पत्र व पासपोर्ट बनाने का गिरोह सक्रिय

जमीन की नकली दलीलें और जन्म प्रमाण पत्र बनाने में भी माहिर सिलीगुड़ी : फर्जी आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र और पासपोर्ट बनाने का एक गिरोह सिलीगुड़ी में सक्रिय है. इतना ही नहीं यह गिरोह जमीन की नकली दलीलें और जन्म प्रमाण-पत्र बनाने में भी माहिर है. इन फरजी दस्तावेजों को बनाने के लिए इन दिनों […]

जमीन की नकली दलीलें और जन्म प्रमाण पत्र बनाने में भी माहिर
सिलीगुड़ी : फर्जी आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र और पासपोर्ट बनाने का एक गिरोह सिलीगुड़ी में सक्रिय है. इतना ही नहीं यह गिरोह जमीन की नकली दलीलें और जन्म प्रमाण-पत्र बनाने में भी माहिर है. इन फरजी दस्तावेजों को बनाने के लिए इन दिनों दलालों का एक बड़ा नेटवर्क सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों तक ही नहीं बल्कि नेपाल तक फैला है. इसका खुलासा हाल में ही बागडोगरा एयरपोर्ट से फरजी दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार नेपाल के दो वासिंदों के बाद हुआ है.
पुलिस को इनके पास से भारतीय पासपोर्ट, भारतीय मतदाता पहचान-पत्र और आधार कार्ड बरामद हुए है जो फरजी हैं. लेकिन पहली नजर में मतदाता पहचान-पत्र और आधार कार्ड को देखकर असल-नकल का पहचान कर पाना काफी मुश्किल है. इन फरजी दस्तावेजों के आधार पर ही दोनों भारतीय पासपोर्ट और विजा बनाकर बागडोगरा एयरपोर्ट से विदेश यात्रा के फिराक में थे. पासपोर्ट जांच-पड़ताल के दौरान इस जालसाजी का खुलासा हुआ. पुलिस यह जानकर आश्चर्यचकित है कि जब दोनों नेपाल के रहने वाले हैं तो भारतीय दस्तावेज कैसे बना लिये. बागडोगरा एयरपोर्ट से गिरफ्तारी के बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस हरकत में आयी है और पूरे गोरखधंधे की गहन तफ्तीश में जुट गयी है.
हालांकि मामले की तफ्तीश में किसी तरह की असुविधा न हो इसके मद्देनजर पुलिस ने गिरफ्तार दोनों लोगों की पहचान को फिलहाल गुप्त रखा है. पुलिस हिरासत में दोनों ने जालसाजी को लेकर कई अहम राजों का खुलासा किया है. दोनों ने पुलिस को दिये बयान में कहा है कि वैध तरीके से उन लोगों का कभी भारतीय दस्तावेज बनता ही नहीं. चंद रुपये के बदले बड़े ही आसान और कुछ ही समय में जालसाज गिरोह के माहिर इन दस्तावेजों को बना डालते हैं. पुलिस सूत्रों से प्राप्त खबर के अनुसार फरजी दस्तावेजों को बनाने का एक जालसाज गिरोह सिलीगुड़ी महकमा के नक्सलबाड़ी में सक्रिय है.
इस गिरोह से जुड़े दलालों का एक बड़ा नेटवर्क पूरे सिलीगुड़ी महकमा समेत नेपाल तक फैला है. जिनका काम ऐसे पार्टी को अपने जाल में फंसाना है जिन्हें काफी कम समय में किसी भी तरह का सरकारी दस्तावेज बनाना है. पुलिस का कहना है कि वैध तरीके से पासपोर्ट बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. इसके लिए आवेदनकर्ता को नाम, पता, जन्म प्रमाण-पत्र, मतदाता पहचान-पत्र व आधार कार्ड भी जमा देना पड़ता है. पुलिस वेरिफिकेशन के बाद उत्तर बंगाल के लोगों को कोलकाता से पासपोर्ट मिलता है. जालसाज गिरोह मात्र दो फोटो व नाम-पता लेकर और बगैर किसी वैध दस्तावेज के चंद मिनटों में ही पासपोर्ट बना डालते हैं. पुलिस का कहना है कि फरजी पासपोर्ट के लिए पांच हजार से छह हजार रूपये, मतदाता पहचान-पत्र या आधार कार्ड के लिए पांच सौ से सात सौ रूपये, जमीनों की दलील के लिए आठ हजार रूपये और कहीं का भी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए तीन सौ रूपये वसूला जाता है.
क्या कहना है बीएलआरओ का
भूमि व भूमि संस्कार दफ्तर के जिला अधिकारी (बीएलआरओ) संजीव चाकी ने भी जमीनों की फरजी दस्तावे बनाये जाने की बात मानी है. उनका कहना है कि ऐसे कई मामले की शिकायत भी मिली है. प्रखण्ड अधिकारियों को इस बाबत नजरदारी बढ़ाने का सख्त निर्देश दिया गया है. श्री चाकी ने तल्ख तेवर में कहा कि ऐसे किसी भी मामलों में अगर विभाग का कोई भी अधिकारी या फिर किसी भी स्तर का कर्मचारी का जालसाज गिरोह के सांठ-गांठ होने का प्रमाण मिलता है तो उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. उनपर सख्त कानूनी कार्रवायी होगी.
क्या कहना है पुलिस कमिश्नर का
सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की कमिश्नर (सीपी) सीएस लेप्चा ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि नेपाल के दो वासिंदों की गिरफ्तारी के बाद फरजी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है. पुलिस मामले की गहन तफ्तीश कर रही है. साथ ही जालसाज गिरोह की खोजबीन भी शुरू हो गयी है.

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