कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बिधान नगर की एक अदालत ने भविष्य निधि में अनियमितता के एक मामले में सारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्तो सेन को आज तीन साल जेल की सजा सुनायी. सेन के खिलाफ करोड़ों रुपए के चिटफंड घोटाले के मामले में सैकड़ों केस दर्ज हैं जिनमें यह पहला केस जिसमें उन्हें दोषी करार देकर सजा सुनायी गयी है. बिधान नगर के सब-डिवीजनल न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सेन को दोषी करार देकर तीन साल जेल की सजा सुनायी और उन पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि जुर्माने की राशि का भुगतान न करने पर सेन को छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. गौरतलब है कि सेन का सारदा समूह अलग-अलग नाम से पोंजी योजनाएं चलाता था.
इस मामले में सेन को आईपीसी की धारा 406 :आपराधिक विश्वासघात: का दोषी पाया गया. सेन पर आरोप था कि उन्होंने कर्मचारियों की भविष्य निधि जमा करने में अनियमितता की. उन्हें आईपीसी की धारा 120 (आपराधिक साजिश) के तहत भी दोषी पाकर तीन साल की सजा सुनायी गयी. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. उनकी सजा की अवधि की तारीख अप्रैल 2013 में हुई उनकी गिरफ्तारी के दिन से गिनी जाएंगी.