कोलकाता: कानून इंटर्न के यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एके गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग से हटाये जाने की बढ़ती मांग के बीच राज्य के पूर्व लोकायुक्त बुधवार को उनके बचाव में सामने आये.
उन्होंने कहा कि न्यायाधीश को महज अपुष्ट आरोपों के आधार इस्तीफा नहीं देना चाहिए तथा उन्हें अपना मामला रखने की अनुमति मिलनी चाहिए. पश्चिम बंगाल के पूर्व लोकायुक्त एवं पूर्व न्यायाधीश समरेश बंदोपाध्याय ने आज कहा, ‘मुङो नहीं लगता कि इस्तीफा देना उपयुक्त होगा.
उन्हें केवल आरोपों के आधार पर इस्तीफा क्यों देना चाहिए बशर्ते वह दोषी साबित नहीं हो जायें.’बंदोपाध्याय राज्य के पहले एवं एकमात्र लोकायुक्त हैं. उनका मानना है कि गांगुली को केवल एक आरोप के आधार पर दोषी करार दिया जा रहा है और उन्हें अपने पक्ष को पेश करने की अनुमति नहीं मिल पा रही है.