10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘गोरखालैंड’ से बंगाल का विभाजन नहीं : गुरुंग

कोलकाता: गोरखा जनमुक्ति मोरचा के प्रमुख विमल गुरुंग ने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर शनिवार को लिखा कि ऐतिहासिक रूप से दाजिर्लिंग कभी भी बंगाल का हिस्सा नहीं था. उन्होंने कहा कि जो लोग गोरखालैंड आंदोलन के खिलाफ हैं या जो गोरखों को ‘विदेशी’ कह रहे हैं, वे दरअसल अलग राज्य के आंदोलन को मजबूत […]

कोलकाता: गोरखा जनमुक्ति मोरचा के प्रमुख विमल गुरुंग ने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर शनिवार को लिखा कि ऐतिहासिक रूप से दाजिर्लिंग कभी भी बंगाल का हिस्सा नहीं था.

उन्होंने कहा कि जो लोग गोरखालैंड आंदोलन के खिलाफ हैं या जो गोरखों को ‘विदेशी’ कह रहे हैं, वे दरअसल अलग राज्य के आंदोलन को मजबूत ही कर रहे हैं. गुरुंग ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि गोरखालैंड का निर्माण बंगाल का विभाजन नहीं है, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से दाजिर्लिंग कभी भी बंगाल का हिस्सा नहीं था. इसे ब्रितानियों ने सिक्किम राज्य से वर्ष 1835 में पट्टे पर लिया था.

उन्होंने कहा कि दाजिर्लिंग जिले में पड़ने वाले कालिम्पोंग और जलपाईगुड़ी जिले के डुआर्स वर्ष 1865 में भूटान से अपने अधिकार में ले लिये गये थे. इन बातों के जरिये गुरुंग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे पर निशाना साध रहे थे, जिसमें बनर्जी ने पश्चिम बंगाल का कोई विभाजन न करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड के विरोधियों द्वारा ‘विदेशी’ होने का आरोप हमारे अलग राज्य के आंदोलन को मजबूती ही देता है. हमारा हालिया आंदोलन हमारे नारे ‘जय हिंद, जय गोरखा’ के साथ भारत के प्रति हमारी देशभक्ति की पुष्टि करता है. अलग गोरखालैंड की मांग के लिए शुक्रवार को बनायी गयी एक नयी समिति ने 19 अगस्त से एक नये आंदोलन का आह्वान किया है. इस बार आंदोलन का नाम ‘जनता कफ्यरू’ से बदल कर ‘घर के भीतर जनता’ रखा गया है. इस समिति में गोजमुमो और गोरखालैंड के समर्थनवाले अन्य संगठन शामिल हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें