कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत की वजह मां-माटी-मानुष की दुआ व बंगाल के ग्रामीणों की सहायता को माना.
उन्होंने कहा कि वाम मोरचा को उनके ही मजबूत गढ़ों में तकरीबन सफाया कर दिया गया है. सुश्री बनर्जी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि कांग्रेस, माकपा व भाजपा एक साथ मिल गये थे, लेकिन नतीजे ने एक बार फिर जाहिर कर दिया कि मां-माटी-मानुष का जनादेश उनके साथ है. वह लोगों के भरोसे और विश्वास की अग्निपरीक्षा में पास होने में सफल रही हैं. जंगल महल के लोगों ने भी उनका साथ दिया और उन्हें 100 फीसदी जनादेश मिला है.
तृणमूल कांग्रेस ने वाम मोरचा को उसके मजबूत गढ़ जैसे बर्दवान, वीरभूम, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर, कूचबिहार, हुगली, बांकुड़ा, पुरुलिया व दक्षिण दिनाजपुर से लगभग सफाया कर दिया है. 17 जिला परिषदों में से तृणमूल को 13 में शानदार जीत मिली है. दो त्रिशंकु जहां वह लाभ की स्थिति में है. वहीं, एक-एक वाम और कांग्रेस के खाते में गया है.
चुनाव को लोकतंत्र का उत्सव बताते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि इस बार सर्वाधिक 1,97,428 लोगों ने इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए अपना नामांकन कराया,जबकि 2008 में 1,40,975 लोगों ने नामांकन भरा था. पहली बार 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गयीं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह अपने बहनों, भाइयों, बड़ों व युवाओं के समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहती हैं. रमजान का पवित्र महीना होने के कारण रोजा रखते हुए मतदान करना कठिन था. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि सभी विपरीत परिस्थितियों, राजनीतिक दलों, सेंट्रल एजेंसियों की साजिश, नकारात्मकता, झूठे आरोप, गलत सूचनाओं के बावजूद हम विजयी रहे. यह पश्चिम बंगाल के लोगों की जीत है.