मालदा: राज्य सरकार के विद्युत वितरण कंपनी के दक्षिण मालदा डिवीजन के एक इंजीनियर का कॉलर पकड़ कर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप युवा तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधि दल पर लगा है.
शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधि दल मालदा शहर के रवींद्र एवेन्यू इलाके में स्थित बिजली वितरक कंपनी के क्षेत्रीय अभियंता को ज्ञापन देने गया था. संगठन के उपाध्यक्ष विश्वजीत राय के नेतृत्व में युवा तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता बिजली कार्यालय के सामने जाकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान कुछ लोग क्षेत्रीय अभियंता के केबिन में घुस गये.
घटना के दौरान बिजली वितरक कंपनी के क्षेत्रीय अभियंता शैबाल मजूमदार नहीं थे. उनकी जगह एसिसटेंट इंजीनियर अनिर्वान साहा व एसिस्टेंट मैनेजर विजय शंकर थे. डिवीजनल इंजीनियर को नहीं पाकर तृणमूल कांग्रेस के नेता भड़क उठे. एसिस्टेंट इंजीनियर अनिर्वान साहा ने उन्हें कहा कि डिवीजनल इंजीनियर सरकारी काम से बाहर गये हैं. वे चाहें तो उन्हें ज्ञापन दे सकते हैं.
जवाब में युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष विश्वजीत राय ने उन्हें कहा कि शहर के बिजली उपभोक्ता हैरान-परेशान हो रहे हैं और यहां के इंजीनियर कुरसी तोड़ रहे हैं. अगर काम करना नहीं आता है, तो कुरसी छोड़ दें. उन्होंने कहा कि डिवीजनल इंजीनियर जानबूझ कर कार्यालय से भाग गये हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश है कि बिजली बिल में किसी तरह की चोरी नहीं की जा सकती है. बिजली उपभोक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं हो रहा है. बिजली कार्यालय के कर्मचारी ठीक से मीटर रीडिंग नहीं लेते हैं, गलत बिल भेजते हैं. इस दौरान अनिर्वान साहा ने तृणमूल के प्रतिनिधि दल से कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इस बारे में डिवीजनल इंजीनियर ही बता पायेंगे. यह सुनते ही युवा तृणमूल के नेता व कार्यकर्ता भड़क उठे और कार्यालय की कुरसियां आदि उठा कर बाहर फेंकने लगे. इंजीनियर का कॉलर पकड़ कर उनके साथ धक्कामुक्की की. उनके साथ गाली-गलौज भी की. बाद में इंग्लिशबाजार थाना की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. संवाददाताओं के साथ बातचीत के क्रम में युवा तृणमूल कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष विश्वजीत राय ने कहा कि मालदा का बिजली कार्यालय कांग्रेस व माकपा के दलालों के इशारे चल रहा है. अप्रैल महीने से शहर के मीटर रीडिंग लेने का काम बंद है. नवनियुक्त लड़कों को मीटर की रीडिंग लेने भेजा जा रहा है. इन्हें कुछ पता नहीं है, जिस कारण बिल गलत आ रहा है और उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं. बिजली वितरक कंपनी के डिवीजनल कार्यालय में माकपा का पार्टी कार्यालय बनाया गया था, जिसे हमने हटा दिया. टेंडर प्रक्रिया में धांधली की जा रही है.
किसानों को सब मजिर्बल पंप के लिए 15 से 20 हजा रुपये देने पड़ रहे हंै. रुपये देने के बाद भी किसानों को समय पर पंप नहीं दिया जा रहा है. दूसरी ओर, बिजली कार्यालय के इंजीनियर अनिर्वान साहा ने बताया कि मीटर रीडिंग लेने का काम पहले जो लोग करते थे, वे ही कर रहे हैं. सीएमसी लिमिटेड व इडी नामक दो संस्थाओं को काम का दायित्व सौंपा गया है.