कोलकाता: देश की 80 प्रतिशत जनता जिस गाय को देवी की तरह पूजती हो, उसकी खुलेआम हत्या कर उसके मांस को विदेशों में भेजा जाना. सरकारी तुष्टिकरण का भला ऐसा उदाहरण यदि कहीं और है तो वह है बंगाल. उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के गौवंश विकास प्रकोष्ठ, पश्चिम बंगाल के बैनर तले आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में बोलते हुए प्रकोष्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ श्रीकृष्ण मित्तल ने कहीं.
शुक्रवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वात्र्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 25 से ज्यादा कसाई खाने चल रहे हैं जो किसी भी सरकारी नियम कानून का पालन नहीं करते. इसके साथ ऐसे हजारों की संख्या में कसाई खाने हैं जो शहरी इलाकों में चोरी-छुपे चलाये जा रहे हैं. प्रत्येक वर्ष 10-12 मिलियन गायों को अवैध रूप से राज्य की सीमा पार करा कर बंगला देश भेजा जाता है जबकि प्रतिवर्ष 70 लाख से ज्यादा गौ हत्या केवल बंगाल में ही होती है.
ऐसा नहीं कि बंगाल में ही गौ हत्या और गौ तस्करी हो रही है बल्कि अन्य राज्यों की अपेक्षा बंगाल की स्थिति सबसे भयानक है. एक तरह से बंगाल को गौ तस्करी का हब कह सकते हैं. राज्य के अन्य हिस्सों से गायों को यहां लाया जाता है और छोटे-छोटे ट्रकों में 20-30 गायों को अमानवीय तरीके से देश के बाहर या फिर कसाई खानों में भेज दिया जाता है.
राज्य में हो रही गौ हत्या को रोकने के लिए हमारी संस्था ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल श्री केसरी नाथ त्रिपाठी को पत्र लिखा है. हमारी मांग है कि राज्य में तुरंत गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया जाये.
जहां अन्य राज्य गौ संपदा और उसके लाभ को ध्यान में रखते हुए गौ मंत्रलय और गौ निगरानी कमेटी बना रहे हैं, वहीं बंगाल सरकार कम से कम अवैध कसाई खाने व गौ तस्करी पर तुरंत रोक लगाने की पहल करे. प्रेस वार्ता में मुख्य रुप से सुनील कुमार द्विवेदी, सुब्रतो गुप्ता, श्रवण चौहान, इंदिरा साह उपस्थित रहे.