कोलकाता. आलू की खेती करनेवाले किसानों को घाटे से बचाने के लिए राज्य सरकार ने नयी पहल शुरू करने का फैसला किया है. सरकार की ओर से किसानों को आलू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करने का फैसला किया है, जिससे किसानों के हितों की रक्षा की जा सके.
बाजार में आलू की कीमत सातवें आसमान पर है, लेकिन इससे किसानों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है, क्योंकि व्यापारी उनके पास से काफी कम कीमत पर आलू खरीदते हैं.
कृषि मंत्री पुर्णेदु बसु ने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की योजना है. इसके लिए पिछले सात वर्षो में आलू के उत्पादन होनेवाले खर्च की समीक्षा की जायेगी और साथ ही अन्य खर्च को भी इसके युक्त किया जायेगा और उसके बाद एक औसतन कीमत तय की जायेगी. जो किसान एक हेक्टेयर जमीन पर आलू की खेती करते हैं, उनका उत्पादन खर्च अपेक्षाकृत अधिक होता है, इसलिए इन पहलुओं को भी ध्यान में रखा जायेगा.
इस संबंध में उन्होंने बताया कि किसानों को पिछले कुछ वर्षो की तुलना में आलू की कीमत अपेक्षाकृत अधिक मिल रही है, लेकिन इसके लिए अब निश्चित कीमत तय करना जरूरी है. किसानों से इस वर्ष नौ रुपये प्रति किलो की दर से आलू खरीदा गया है, जो कि पहले मात्र चार रुपये था. अब राज्य सरकार चाहती है कि किसानों को उनकी उपज के लिए पर्याप्त राशि मिल सके.
सीएम से मिलने नवान्न पहुंचे चेक प्रतिनिधि : चेक रिपब्लिक के राजदूत मिलोस्लाव स्टासेक सहित छह लोगों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने राज्य सचिवालय पहुंचा. राज्य सचिवालय में चेक रिपब्लिक के प्रतिनिधियों ने सीएम व वित्त मंत्री अमित मित्र के साथ बैठक की. बैठक के बाद वित्त मंत्री अमित मित्र ने कहा कि चेक रिपब्लिक की कई कंपनियों ने बंगाल में निवेश की इच्छा जाहिर की है. वहां की कंपनियां एयरपोर्ट, स्वास्थ्य, शिक्षा, माइनिंग, पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश करना चाहती हैं. वहां की कंपनियों ने यहां की कंपनियों के साथ भी मिल कर कार्य करने की इच्छा जाहिर की है. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वहां की कंपनियों को हर संभव मदद की जायेगी.