कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआइ) संबंधी फैसले की सराहना करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए अधिक से अधिक निवेश की जरूरत है. इसलिए केंद्र की राजग सरकार द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के संबंध में लिया गया फैसला देश के लिए हितकारी है.
शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महानगर में इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स के वार्षिक आम बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार के बीमा व रक्षा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा 49 फीसदी करने के फैसले की सहारना करते हुए कहा कि 8-9 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हासिल करने के लिए निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है.
देश में गरीबी दूर करने के लिए निरंतर 8 – 9 प्रतिशत वार्षिक आर्थिक वृद्धि की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए घरेलू बचत और निवेश के बीच की कमी को दूर करना होगा. निवेश की जरूरत पूरा करने में उन देशों की भूमिका उत्पन्न होती है, जिनके पास निवेश के लिए अतिरिक्त पूंजी है.
श्री मुखर्जी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सरकार इसके प्रति पूरी तरह जागरूक है और इस संबंध में समुचित कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि दो साल पहले वह खुद भी नीति निर्धारण की प्रक्रिया का हिस्सा थे, लेकिन आज अपने संवैधानिक दायित्व के कारण कोई वक्तव्य नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि अब दूसरे बोलते हैं और वह केवल सुनते हैं.
राष्ट्रपति ने देश में मूलभूत भौतिक और सामाजिक ढांचे को सुधारने की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि यहां दक्ष युवाओं की कमी नहीं है, सिर्फ युवकों में हुनर पैदा करने की जरूरत है, ताकि हम अपनी युवा आबादी का पूरा लाभ उठा सकें. वस्तु एवं सेवा कर प्रस्ताव के बारे में उन्होंने कहा कि इसको लागू करने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी है तथा इसके क्रियान्वयन के लिए उपयुक्त तंत्र विकसित करना होगा.