कोलकाता. अगले राज्यपाल के रूप में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का नाम सामने आने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक हलचल मची है. इस संबंध में बुधवार को विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया गया और इस पर चर्चा भी हुई.
इस मुद्दे पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ-साथ विरोधी पार्टियां भी एक हो गयी हैं. बहस के दौरान कांग्रेस से मोहम्मद शोहराब, माकपा से अनिसुर रहमान और तृणमूल कांग्रेस से विधायक शीलभद्र दत्त ने भाग लिया. तीनों ने एक सुर में कल्याण सिंह को राज्यपाल बनाने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया.
गौरतलब है कि इस संबंध में औपचारिक रूप से कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उससे पहले ही यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. मंगलवार को वाममोरचा की ओर से विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने की पेशकश की थी, लेकिन विस अध्यक्ष विमान बनर्जी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. इसके बाद वाममोरचा के विधायकों ने सदन से वाकआउट भी किया था. अब बुधवार को इस मुद्दे पर सदन के अंदर चर्चा हुई और सभी पार्टियों ने कल्याण सिंह के खिलाफ अपना मत दिया. इस संबंध में कांग्रेस विधायक मानस भूईंया ने राज्य सरकार से उनका पक्ष पेश करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यहां पर राज्यपाल के रूप में कल्याण सिंह का नाम सामने आ रहा है और उनका नाम पहले ही विवादों में रहा है. क्योंकि जिस समय उत्तर प्रदेश में बाबरी मसजिद की घटना हुई थी, उस समय श्री सिंह वहां के मुख्यमंत्री थे.