कोलकाता: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ पूरी ताकत से सैकड़ों करोड़ रुपये के इस अंतरराज्यीय घोटाले की जांच में जुट गयी है. यूं तो राज्य सरकार द्वारा गठित स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) पिछले एक वर्ष से इस घोटाले की जांच कर रही है, पर एसआइटी की जांच से अभी तक कुछ भी नया सामने नहीं आया है.
सीबीआइ ने भी सारधा घोटाले की जांच के लिए एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम का गठन किया है. जिसमें विभिन्न रैंक के 36 अधिकारी शामिल हैं. इस स्पेशल 36 टीम का नेतृत्व सीबीआइ के उत्तर-पूर्व क्षेत्रीय ऑफिस के हेड आइजी राजीव सिंह एवं गुवाहाटी सीबीआइ भ्रष्टाचार उन्मूलन शाखा के एसपी नवज्योति गैग करेंगे. उनकी सहायता के लिए टीम में कोलकाता सीबीआइ भ्रष्टाचार उन्मूलन शाखा के एसपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल करेंगे, जिन्हें इस मामले की जांच के लिए ही स्पेशल क्राइम ब्रांच से लाया गया है.
इसके साथ ही इस विशेष टीम में पटना सीबीआइ की स्पेशल क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस सुपर पीबी करना भी शामिल हैं. टीम में कोलकाता सीबीआइ की बैंक फ्रॉड व आर्थिक गोलमाल संबंधी मामलों की जांच करने वाली शाखा के डीएसपी एसके त्रिपाठी भी अपना जलवा दिखाते नजर आयेंगे. चूंकि सारधा घोटाले के तार केवल बंगाल तक ही नहीं, बल्कि असम, ओड़िशा इत्यादि राज्यों तक फैले हुए हैं. इसलिए इसमें ओड़िशा, झारखंड व असम सीबीआइ के अधिकारियों को भी जगह दी गयी है.
इस स्पेशल 36 टीम में गुवाहाटी सीबीआइ की भ्रष्टाचार उन्मूलन शाखा के डीएसपी एमटी मैग एवं सबीआइ रांच के इंस्पेक्टर तथागत बर्धन भी हैं. ओड़िशा में हुए सारधा घोटाले की जांच की देखभाल कोलकाता सीबीआइ के स्पेशल क्राइम ब्रांच के डीआइजी सत्यब्रत बागची करेंगे. सीबीआइ की इस स्पेशल 36 में केवल सीबीआइ के जासूस ही नहीं होंगे, बल्कि उनकी सहायता के लिए दिल्ली भ्रष्टाचार उन्मूलन शाखा के कानूनी सलाहकार वीएस शुक्ला एवं पटना भ्रष्टाचार उन्मूलन शाखा एवं बैंक फ्रॉड मामलों की जांच करने वाली शाखा के अधिकारी बीके सिंह भी हैं. स्पेशल 36 टीम के लिए सीबीआइ ने कैंप ऑफिस तैयार करना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार सॉल्ट लेक के सीजीओ कंप्लेक्स में इस टीम के लिए एक विशाल कैंप ऑफिस तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है. इस टीम में विधान नगर कमिश्नरेट के दो अधिकारी भी हैं, जो शुरू से ही इस मामले की जांच में लगे हुए हैं