कोलकाता : लोकसभा चुनाव के लिए राज्य सरकार की ओर से चुनाव खर्च के लिए बना बजट फेल हो गया है. राज्य सरकार ने यहां पांच चरणों में चुनाव के लिए करीब 145 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया था, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस खर्च में से करीब 80 फीसदी राशि राज्य सरकार दे चुकी है और अभी तक यहां सिर्फ एक चरण का ही चुनाव संपन्न हुआ है.
बाकी चार चरणों का चुनाव अभी भी बाकी है. राज्य में अब तक सिर्फ चार लोकसभा सीटों के लिए ही चुनाव हुआ है, बाकी 38 सीटों पर 24 अप्रैल, 30 अप्रैल, सात मई व 12 मई को चुनाव होगा.
विरोधी पार्टियों द्वारा यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा की शिकायत दर्ज करायी जा रही है. इसलिए चुनाव आयोग ने भी कई निर्देश जारी किये हैं, साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बल की संख्या भी बढ़ायी गयी है. ऐसे में राज्य के लिए अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बल व पुलिस प्रशासन की आधुनिक व्यवस्था करने में खर्च बढ़ता ही जा रहा है. आवंटित की गयी राशि का अधिकांश खर्च सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था व केंद्रीय सुरक्षा बल पर हो रहा है. इससे राज्य के वित्त व गृह विभाग ने आशंका जाहिर की है, अगर यह आलम जारी रहा, तो राज्य सरकार के बजट से कई गुना खर्च इस बार के चुनाव में होगा. इस संबंध में राज्य के वित्त मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और खर्च की गयी पूरी राशि का हिसाब लिया.
जिलों से भेजे गये रिपोर्ट में भी बढ़ा खर्च
चुनावी खर्च को लेकर विभिन्न जिलों से जो रिपोर्ट पेश की गयी है, वह भी बजट से काफी अधिक है. सिर्फ पूर्व मेदिनीपुर जिले ने ही चुनावी खर्च के तौर पर तीन करोड़ रुपये मांगे हैं. इसके अलावा मालदा जिले की ओर से चुनावी खर्च के लिए 28 लाख रुपये मांगे गये हैं. बजट से अधिक रुपयों की मांग करनेवाले जिलों में हुगली, बर्दवान, उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले के नाम भी शामिल हैं.