यूपी की राजधानी में एक वीभत्स घटना सामने आई है. यहां नौकरी दिलाने के नाम पर शादीशुदा महिला से मोहल्ले के एक युवक ने कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ देकर दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो बनाकर ढाई लाख रुपए ऐंठ लिए. इसके बाद आरोपी ने वीडियो डिलीट करने के बहाने पीड़िता को घर बुलाया और दो साथियों संग मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया. कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को दुबग्गा थाने में तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दरअसल, दुबग्गा इलाके में रहने वाली एक महिला की पति से अनबन के दौरान मोहल्ले के ही रेहान खान से जान पहचान हुई. वह उसके घर आने लगा. रेहान ने महिला को नौकरी दिलाने की बात कही और 19 जून को बहाने से चारबाग के होटल कंफर्ट जोन ले गया, जहां नौकरी दिलाने के नाम पर 38 हजार रुपए ऐंठ लिए. फिर नशीला पदार्थ मिलाकर कोल्डड्रिंक पिला दी. जब महिला बेहोश हो गई तो उसने उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान उसने अपने फोन से अश्लील वीडियो भी बना लिया.
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इसके बाद आरोपी ने अश्लील वीडियो के बल पर ब्लैकमेल कर उससे ढाई लाख रुपए ऐंठ लिए. रेहान ने 25 अगस्त को पीड़िता को अश्लील वीडियो डिलीट करने की बात कही और अपने घर बुलाया. पीड़िता जब रेहान के घर पहुंची तो वहां उसके दो साथी पहले से मौजूद थे. आरोप है कि तीनों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. पीड़िता ने घर पहुंचकर पति को जानकारी दी. फिर 26 अगस्त को दुबग्गा थाने में शिकायत की. पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया तो पीड़िता ने अधिकारियों को डाक से शिकायती पत्र भेजा मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. इस पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट के आदेश पर आठ दिसंबर को रेहान खान और उसके दो साथियों के खिलाफ दुबग्गा थाने में केस दर्ज किया गया है. वहीं इस मामले में इंस्पेक्टर अभिनव कुमार वर्मा का कहना है कि जांच की जा रही है.
अलीगढ़ में करीब तीस साल पहले तीन लोगों की हत्या करने वाले 3 अभियुक्तों की समयपूर्व रिहाई की याचिका को राज्यपाल ने नामंजूर कर दिया है. शासन ने इसकी जानकारी कारागार मुख्यालय को दी है. तीनों वर्तमान में आगरा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. बता दें कि केंद्रीय कारागार आगरा में निरुद्ध कैदी जर्नादन, कालीचरन और सुभाष अलीगढ़ के थाना क्वार्सी क्षेत्र के ईकरी गांव के निवासी हैं. तीनों ने अपने 12 साथियों के साथ मिलकर 28 जुलाई 1994 को घातक हथियारों की मदद से राम सिंह, वीरपाल, मंगल सिंह की हत्या कर दी थी. साथ ही, लौंगश्री नामक महिला को घायल कर दिया था. वर्ष 2004 में अलीगढ़ के सत्र न्यायालय ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने भी यथावत रखा. तीनों की समयपूर्व रिहाई की याचिका पर अलीगढ़ के जिला प्रोबेशन अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और डीएम ने संस्तुति नहीं की थी.