आगरा : केंद्र में मोदी सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करती है. लेकिन, दलितों पर लगातार अत्याचार जारी है. अत्याचार से तंग आकर अलीगढ़ के 2,000 से अधिक दलितों ने हिंदू धर्म छोड़ कर इसलाम अपनाने की धमकी दी है. इससे पहले मुरादाबाद और संभल में भी दलितों ने इसलाम अपनाने की धमकी दी थी.
अलीगढ़ जिले के केशोपुर झोपड़ी गांव के हजारों दलितों ने रविवार को हिंदू देवी-देवताओं की तसवीरों को नाले में बहा कर हिंदू धर्म को अलविदा कहने का संकेत दे दिया. उत्तर प्रदेश के कई अन्य इलाकों से भी ऊंची जाति के लोगों द्वारा दलितों का उत्पीड़न करने के मामले सामने आये हैं.
अलीगढ़ में भैरव बाबा मंदिर के निर्माण को लेकर तनाव था. पिछले सप्ताह दलित एक कुआं के पास भैरव बाबा के मंदिर का निर्माण करना चाहते थे, लेकिन पड़ोस में रहनेवाले ठाकुर समुदाय के लोगों ने इस पर आपत्ति जतायी. इससे दलित समुदाय आक्रोशित हो गया और इसलाम धर्म अपनाने की धमकी दे डाली.
एक स्थानीय दलित नेता ने बताया कि ऊंची जाति के लोगों के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण इतनी बड़ी तादाद में दलित समुदाय के लोगों ने इसलाम अपनाने का फैसला किया है. ऊंची जाति के लोग दलितों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते. वे दलितों को हिंदू समाज का हिस्सा नहीं मानते. दलितों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए दलितों ने तय किया कि अपमान सहने से बेहतर है कि वे धर्म परिवर्तन करवा लें.
दलित समुदाय से एक व्यक्ति ने कहा कि ठाकुरों ने ऐसी नालियां बनायी हैं, जो उनके शौचालयों से निकलती हैं. इन नालियों का पानी वहीं पहुंचता है, जहां भैरव बाबा का मंदिर बनाने का विचार है.
उधर, ग्राम प्रधान के पति ने ठाकुरों का बचाव किया है. देवेंद्र चौहान का कहना है कि ठाकुरों ने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने माना कि नालियां खोदी गयी, लेकिन स्थानीय प्रशासन के दखल के बाद मामला सुलझ गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय दलित नेता इलाके में सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.