17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राफेल पर विपक्ष का तीखा वार, कहा – लोकपाल होता तो मोदी सबसे पहले आरोपी होते

नयी दिल्ली/लखनऊ : राफेल करार के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि यदि भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल का गठन हो चुका होता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में सबसे पहले आरोपी होते और उनके चौड़े कंधे भी भ्रष्टाचार के वार झेल […]

नयी दिल्ली/लखनऊ : राफेल करार के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि यदि भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल का गठन हो चुका होता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में सबसे पहले आरोपी होते और उनके चौड़े कंधे भी भ्रष्टाचार के वार झेल नहीं पाते.

कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने राफेल मुद्दे पर सोमवार को संसद सहित कई मंचों से मोदी सरकार पर हमला बोला. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा अपने राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल के दौरान और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के लखनऊ में हुए रोड शो के दौरान भी राफेल का मुद्दा गरमाया रहा. माकपा ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह राफेल मुद्दे पर अपने फैसले की समीक्षा करे. पार्टी ने इस घोटाले की तह तक जाने के लिए उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की. बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह चौकीदार की खातिर देश की सुरक्षा की अनदेखी कर रही है. गौरतलब है कि विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के लिए चौकीदार शब्द का इस्तेमाल करता है.

भाजपा नेताओं ने अपना आरोप दोहराया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए विपक्षी नेता एकजुट हो रहे हैं. वहीं, राहुल ने अपने रोड शो में इकट्ठा हुई भीड़ से अपना नारा चौकीदार चोर है दोहराने को कहा. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा, चौकीदार चोर नहीं, चौकीदार प्योर है. नेक्स्ट पीएम श्योर है, प्रॉब्लम के लिए क्योर है. सरकार द्वारा संसद में राफेल करार को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश किये जाने से एक दिन पहले कांग्रेस ने सीएजी राजीव महर्षि की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये और हितों के टकराव का आरोप लगाया.

कांग्रेस ने महर्षि से कहा है कि वह 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के करार की ऑडिट प्रक्रिया से खुद को अलग कर लें, क्योंकि तत्कालीन वित्त सचिव के तौर पर वह इस वार्ता का हिस्सा थे. बहरहाल, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इन दावों को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस गलत तथ्यों के आधार पर सीएजी पर आक्षेप लगा रही है. कांग्रेस ने ‘द हिंदू’ अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राफेल सौदे पर दस्तखत से कुछ दिन पहले मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया में बदलाव करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी कुछ मुख्य प्रावधानों को हटा दिया गया था. पार्टी ने यह भी सवाल किया कि आखिर ऐसा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे?

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ‘द हिंदू’ की खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, मोदी जी, राफेल सौदे में सॉवरन गारंटी माफ करने के बाद आपने भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधान में भी छूट दे दी. आखिर आप कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे? पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, सरकार ने जितना सोचा नहीं था, उससे ज्यादा तेजी से राफेल सौदे में खुलासे हो रहे हैं. चिदंबरम ने कहा कि पहले कीमत बढ़ायी गयी, फिर यह खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने समानांतर बातचीत करके भारतीय वार्ता दल के प्रयासों को कमजोर किया. अब यह खुलासा हुआ है कि मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया के प्रावधानों में बदलाव किये गये. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दसाल्ट को इस सौदे में फायदा ही फायदा हुआ है.

पिछले हफ्ते ‘द हिंदू’ ने अपनी एक खबर में रक्षा मंत्रालय की फाइलों का हवाला देते हुए यह भी खुलासा किया था कि राफेल करार को अंतिम रूप दिये जाने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) इस मामले में रक्षा मंत्रालय के समानांतर बातचीत कर रहा था जिससे रक्षा मंत्रालय की बातचीत की स्थिति कमजोर पड़ी थी. कांग्रेस ने दावा किया कि अगर सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति कर दी होती तो राफेल मामले को लेकर उसके समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले आरोपी होते. लोकसभा में अंतरिम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने यह भी कहा कि आने वाले समय में राफेल हारेगा और राहुल गांधी की जीत होगी. उन्होंने वित्त और रेल मंत्री पीयूष गोयल पर तंज कसते हुए कहा कि यह अंतरिम वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया अंतरिम बजट है. उन्होंने कहा कि इसे सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड कहा जा सकता है.

मोइली ने रक्षा बजट का उल्लेख करते हुए राफेल सौदे को घोटाले की संज्ञा दी और कहा कि प्रधानमंत्री न खाऊंगा, न खाने दूंगा की बात कहते हैं, लेकिन इस मामले में हर रोज नयी चीजें सामने आ रही हैं. कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) को धन-संपन्न उपक्रम के रूप में छोड़कर गयी थी, लेकिन इस सरकार ने उसे कमजोर किया. उन्होंने कहा कि हम राफेल विमानों की खरीद के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरकार ने एचएएल को कमजोर किया जिसे 70 सालों का रक्षा उत्पादन का अनुभव है. मोइली ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार ने अब तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की है. अगर लोकपाल बन गया होता तो इसके समक्ष प्रधानमंत्री पहले आरोपी होते.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने महिलाओं, सामाजिक न्याय के लिए बजट आवंटन में कटौती की और अपने प्रचार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किये. मोइली ने कहा कि नोटबंदी के रूप में सरकार ने पाप किया है और जनता इसके लिए उन्हें माफ नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी से छोटे कारोबारियों की हालत खराब हो गयी और निवेश के मामले में भी यह सरकार फिसड्डी साबित हुई है. सरकार पर विभिन्न मुद्दों पर असत्य बोलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राफेल की हार और राहुल गांधी की जीत होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें