राम मंदिर ट्र्स्ट की ओर से खरीदी गयी जमीन को लेकर विवाद हुआ तो प्रधानमंत्री कार्यालय को हस्तक्षेप करना पड़ा. अब इस मामले में कई और तथ्य सामने आ रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रस्ट ने एक ही दिन में दो अलग- अलग कीमतों पर जमीन खरीदी है.
यह खरीद 18 मार्च को गयी है पहली कीमत 18.5 करोड़ रुपये पर 1.208 हेक्टेयर और दूसरी 8 करोड़ रुपये में 1.037 हेक्टेयर (1 हेक्टेयर = 10,000 वर्ग मीटर) . इस रिपोर्ट में आधिकारिक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. ये जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक के नाम से बताया जा रहे हैं जो नवंबर 2017 में उनके नाम से हुए बताये जा रहे हैं.
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इस जमीन को सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से ट्रस्ट ने 18 मार्च को खरीदा. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इन दोनों ने हरीश और कुसुम पाठक से यह जमीन 2 करोड़ रुपये में खरीदी थी जिसे ट्रस्ट को 18 मार्च को 18.5 करोड़ रुपये में बेच दी. इसी सौदे पर आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने सवाल खड़ा किया है. इस मामले पर ट्रस्ट ने किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से इनकार कर दिया है.
इस रिपोर्ट में जो नयी बात सामने आयी है उसमें यह पता चला है कि उसी दिन ट्रस्ट ने एक और प्लाट खरीदा है जो सीधे हरीश और कुसुम पाठक से खरीदा गया है जो 1.037 हेक्टेयर का है जिसकी कीमत 8 करोड़ रुपये है .
इस मामले की इंडियन एक्सप्रेस ने जांच की तो पता चला सितंबर 2019 में हरीश पाठक और कुसुम पाठक और सुल्तान अंसारी सहित नौ अन्य व्यक्तियों के बीच हस्ताक्षरित समझौते किया था जिसके लिए 2 करोड़ रुपये तय की राशि तय की गयी थी.
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक सरकारी अधिकारी ने दावा किया है कि पाठक ने ट्रस्ट को सीधे जमीन बेचा है उन्होंने बताया कि 2019 का समझौता रद्द होने के बाद, कुसुम और हरीश पाठक तकनीकी रूप से ट्रस्ट को सीधे जमीन बेचने के लिए स्वतंत्र थे.
इस पूरे विवाद पर ट्रस्ट ने भी अपना पक्ष रखा और बताया कि यह जमीन सड़क से सटा हुआ था, जो निकट भविष्य में चार लेन की बनायी जानी है और यही रास्ता राम जन्मभूमि मंदिर तक जाने वाला है. इस जमीन को 1,423 रुपये प्रति वर्ग फुट पर खरीदा गया है जो बाजार की कीमत से काफी कम है.